Wednesday 3 September 2014

The Complete Adventures of Sherlock Holmes ,Ebooks,comics, free Download - शरलॉक होम्स की कहानियाँ

Free Download English e-book of Sherlock Holmes
                                      शरलॉक होम्स, यह नाम आपने कहीं न कहीं जरूर सुना होगा और यदि नहीं भी सुना है तो भी कोई बात नहीं है दोस्तों, क्योंकि अब समय आ गया है जब हम मि. होम्स के कारनामे सुनेंगे, अ..अ........ मेरा मतलब है कि पढ़ेंगे। शरलॉक होम्स एक ऐसे काल्पनिक किरदार का नाम है जो अपनी अभूतपूर्व तर्क शक्ति, अद्भुत निरीक्षण (observation) क्षमता, साहस और सूझ-बूझ के लिए जाना जाता है। होम्स ने अनेक ऐसी आपराधिक गुत्थियाँ सुलझाईं है जो पुलिस के लिए एक अबूझ पहेली मात्र बन कर रह गई थीं। उनकी विशिष्ट कार्यशैली लोगों को चमत्कृत करके रख देती थी, ठीक एक जादूगर की तरह। इस पात्र की लोकप्रियता का अंदाजा आप केवल इसी बात से लगा सकते हैं की लोग इसे एक काल्पनिक पात्र न मानकर एक जीवित व्यक्ति समझ बैठे थे, और इस कारण उसके नाम के अनेकों पत्र डाक विभाग को मिलने लगे थे जिनमें लोग अपनी समस्याएँ लिखते थे। होम्स के इर्द-गिर्द बुनी गई कहानियों पर कई टेलीविज़न सीरीज और कुछ फिल्म्स भी बन चुकी है जो दर्शकों द्वारा बहुत पसंद की गईं।
अब तक छप्पन लघु कथाएँ और चार उपन्यास शरलॉक होम्स और उनके डॉ. मित्र जॉन एच. वाटसन पर लिखी जा चुकी है। चार को छोड़कर अन्य सभी कहानियाँ होम्स के मित्र और जीवनी लेखक डॉ. वाटसन द्वारा सुनाई गई है, दो कहानियाँ खुद होम्स और दो कहानियाँ किसी तीसरे व्यक्ति की जुबानी बयां की गई है। होम्स का किरदार उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध और बीसवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में उभरकर आया। पहली बार सन् 1887 में प्रकाशित होकर यह किरदार लोगों के जेहन में इस कदर छा गया कि उसका जादू आज भी बरकरार है।


                                   दोस्तों सबसे पहले हम एक नजर डालते हैं उस व्यक्ति के परिचय पर जिसकी बदौलत आज शरलॉक होम्स का नाम हमारे बीच है।
लेखक के बारे में :

सर आर्थर कॉनन डॉयल, यही वह महान लेखक है जिनकी कलम और कल्पनाशक्ति ने मिलकर जन्म दिया शरलॉक होम्स के किरदार को। इनके बारे में-

जन्म:
22 मई 1859
Edinburgh , Scotland
मृत्यु:
7 जुलाई 1930 (aged 71)
Crowborough, East Sussex, England
व्यवसाय:
Novelist, short story writer, poet,doctor of medicine
राष्ट्रीयता:

Scottish
नागरिकता:
United Kingdom
शैली:
Detective fiction, science fiction, historical novels, non-fiction
सर आर्थर इग्नाशियस कॉनन डॉयल, (22 मई 1859 - जुलाई 7, 1930) एक स्कॉटिश चिकित्सक और लेखक थे जिन्हें अधिकतर जासूस शरलॉक होम्स की उनकी कहानियों (इन कहानियों को आम तौर पर काल्पनिक अपराध कथा के क्षेत्र में एक प्रमुख नवप्रवर्तन के तौर पर देखा जाता है), के लिए जाना जाता है। वे एक सफल लेखक थे जिनकी रचनाओं में काल्पनिक विज्ञान कथाएं, ऐतिहासिक उपन्यास, नाटक एवं रोमांस, कविता और गैर-काल्पनिक कहानियां शामिल हैं।
                          सर आर्थर कॉनन डॉयल, यही वह महान लेखक है जिनकी कलम और कल्पनाशक्ति ने मिलकर जन्म दिया शरलॉक होम्स के किरदार को। इनके बारे में- गैर-काल्पनिक कहानियां शामिल हैं।
सर आर्थर कॉनन डॉयल को सर की उपाधि होम्स की रचना करने हेतु ही मिली थी ,एक समय ऐसा था जब इन्होने होम्स को मारने की ठानी ,पूछने पर उन्होंने बताया की होम्स का किरदार उन पर हावी हो रहा हे ,वो खुल कर नही लिख पाते ,क्योकि होम्स के फेन इतने ज्यादा लोग थे की वो होम्स को कभी हारता हुआ नही देख सकते थे ,कभी अगर सर आर्थर कॉनन डॉयल होम्स को किसी कहानी में थोडा भी कमजोर या हार दिखाने की कोशिश करते सर आर्थर कॉनन डॉयल को धमकी भरे खत मिलने शुरू हो जाते
             पर इन्होने एक दिन होम्स को खत्म कर ही दिया ,तब लोगो का बहुत बड़ा आंदोलन हुआ ,इनके घर के बहार लोग नारे लगाने लगे ,खत आदि मिलने लगे ,तब इन्हें होम्स को वापस जिन्दा करना पड़ा
                         जिस लेखक ने जासूसी को न्या आयाम दिया ,जासूस की एक अलग पहचान बनाई,अपनी लेखनी से सरे विश्व को चोका दिया ,उस लेखक सर आर्थर कॉनन डॉयल को अंतिम दिनों में एक बच्चे ने पागल बना दिया ,ये बहुत रहस्यमय इस्थ्थी में मरे थे,कभी इन्हें परिया दिखती कभी कुछ

नायक शरलॉक होम्स के बारे में:
 जन्मदिन:
जनवरी 6, 1854
परिवार:
एक भाई, मायक्रॉफ्ट (Mycroft) होम्स
मित्र:
डॉ. जॉन एच. वाटसन
प्रेमी:
इरेनी एडलर (Irene Adler)
पता:
221B बेकर स्ट्रीट, लंदन
आदतेँ:
कुछ खेल (वह एक उम्दा बॉक्सर थे और तलवारबाजी भी अच्छी कर लेते थे), संगीत (होम्स स्वयं काफी अच्छा वॉयलिन बजा लेते थे), और तंबाकू का उपयोग करते थे


नोट: कृपया ध्यान दें कि होम्स के बारे में ऊपर दी गई संपूर्ण जानकारी कहानियों से ही प्राप्त होती है।

                         होम्स का introduction सन् 1887 में बीटन्स क्रिसमस एनुअल में प्रकाशित एक लघु उपन्यास के माध्यम से हुआ था। 1891 में द स्ट्रेंड मैगजीन में छोटी कहानियों की पहली श्रृंखला की शुरुआत के साथ ही इस चरित्र की लोकप्रियता में शानदार वृद्धि हुई; बाद में 1927 तक लघु कथाओं की श्रृंखला और उपन्यास प्रकाशित हुए। ये कथाएँ लगभग 1875 से 1914 तक की अवधि को आवृत (cover) करती है, अंतिम केस 1914 का है।
होम्स के किरदार को रचने का प्रेरणा स्त्रोत :सर डॉयल ने एक मौके पर पूछे जाने पर, स्वयं कहा था कि होम्स का चरित्र डॉ. जोसेफ बेल से प्रेरित था जिनके लिए डॉयल ने कभी लिपिक के रूप में काम किया था। होम्स की ही तरह बेल भी छोटे-छोटे निरीक्षणों से बड़े निष्कर्ष निकालने के लिए जाने जाते थे।
 अंतिम केस 1914 का है।
होम्स के किरदार को रचने का प्रेरणा स्त्रोत :सर डॉयल ने एक मौके पर पूछे जाने पर, स्वयं कहा था कि होम्स का चरित्र डॉ. जोसेफ बेल से प्रेरित था जिनके लिए डॉयल ने कभी लिपिक के रूप में काम किया था। होम्स की ही तरह बेल भी छोटे-छोटे निरीक्षणों से बड़े निष्कर्ष निकालने के लिए जाने जाते थे।
होम्स की हेट और सिगार पहचान थी आज भी जासूसी किरदारों को ऐसे ही दिखाते हे
  1. होम्स रूप बदलने में माहिर थे ,वो सिर्फ गेटअप ही नही बल्कि किरदार में घुस ही जाते थे 
  2. होम्स शरीर से पतले लेकिन बहुत ताकतवर थे 
  3. होम्स कभी बीस बीस दिनों तक कमरे में बंद रहकर सिर्फ नशा करते थे ,कभी सिर्फ काम 
  4. इनकी एक एक कहानी रहस्य रोमांच हे ,अगर आपने होम्स पढ़ लिया तो आप को अन्य जासूसी कहानी बोर लगेंगी /होम्स एक वैज्ञानिक भी थे ,कई प्रयोग करते रहते थे ,अपनी तारीफ सुनना इन्हें कम पसंद था ,होम्स हमेशा सिर्फ तथ्यों के पीछे जाकर निष्कर्स देते थे ,
जब भी कोई इनसे मदद मागने आता ये सिर्फ उसे देख कर उसके बारे में सब जान लेते /आदमी आश्चर्य चकित हो जाता ,लेकिन जब ये उसे कारण बताते तो बहुत छोटे ,[वैसे मेने भी कभी कभी आदमी देख उसके बारे में पता लगाने की कोशिश कई बार की हे हमेशा गलत ही रहा 
                                          शेरलॉक होम्स पर विभिन्न भाषाओं में अब तक इतनी फ़िल्में बन चुकी हैं - 
  1. 1994 बाकर स्ट्रीट : शेरलॉक होम्स रिटर्न्स, 
  2. द एडवेंचर ऑफ़ शेरलॉक होम्स, 
  3. एडवेंचर्स ऑफ़ शेरलॉक होम्स (ऑर हेल्ड फॉर रेंसम), 
  4. द एडवेंचर ऑफ़ शेरलॉक होम्स'स स्मार्टर ब्रदर, 
  5. आर्सेन लुपिन कोंत्रा शेरलॉक होम्स (फ्रेंच), 
  6. द मास्क ऑफ़ डेथ, मर्डर बाइ डिक्री, 
  7. द प्राइवेट लाइफ ऑफ़ शेरलॉक होम्स, 
  8. पर्सुयेट टू अल्जीयर्स, बासिल राथबोन, 
  9. द रिटर्न ऑफ़ शेरलॉक होम्स, 
  10. अ साम्बा फॉर शेरलॉक होम्स, 
  11. द सेवन परसेंट सोल्यूशन, 
  12. शेरलॉक होम्स एंड द डेडली नेकलेस, 
  13. शेरलॉक होम्स एंड द लीडिंग लेडी, 
  14. शेरलॉक होम्स बैफल्ड, 
  15. शेरलॉक होम्स इन न्यूय़ोर्क, 
  16. शेरलॉक होम्स : अ गेम ऑफ़ शेडो, 
  17. शेरलॉक : केस ऑफ़ ईविल, 
  18. द स्ट्रेंज केस ऑफ़ द एंड ऑफ़ सिविलाइजेशन एज वी नो इट, 
  19. अ स्टडी इन टेरर, 
  20. दे माइट बी जाइंट, 
  21. टॉम एंड जेरी मीट शेरलॉक होम्स, 
  22. विथआउट अ क्लू, 
  23. यंग शेरलॉक होम्स, 
  24. द केस ऑफ़ द स्क्रीमिंग बिशप, 
  25. शेरलॉक होम्स एंड द केस ऑफ़ द सिल्क स्टॉकिंग, 
  26. द केस ऑफ़ द वाइट चैपल वैम्पायर, 
  27. द क्रूसीफायर ऑफ़ ब्लड, 
  28. ड्रेस्ड टू किल, 
  29. द ग्रेट माउस डिटेक्टिव, 
  30. इंसीडेंट एट विक्टोरिया फाल्स, 
  31. द लाइम जूस मिस्ट्री ऑर हू स्पैट इन ग्रांडफादर'स पौरिज, 
  32. द मैन हू वाज़ शेरलॉक होम्स ! 
  33. इनके अलावा 1916, 1922, 1931, 1932, 1939, 2009 और 2010 में सिर्फ 'शेरलॉक होम्स' शीर्षक से भी फ़िल्में बनीं !

A Study in Scarlet

अध्याय1
(जॉन एच. वाटसन, पूर्व M.D. आर्मी मेडिकल डिपार्टमेन्ट, के संस्मरण से)
मि. शरलॉक होम्स
सन् 1878 में मैंने लंदन विश्वविद्यालय से डॉ ऑफ मेडिसिन (M.D.) की डिग्री ली, और सेना में सर्जन बनने के लिए निर्धारित कोर्स पूरा करने के लिए Netely को रवाना हुआ। वहाँ अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं विधिवत रूप से Fifth Northumberland Fsiliers के साथ सहायक सर्जन के रूप में जुड़ गया। उस समय वह रेजीमेंट भारत में तैनात किया गया था, और इससे पहले कि मैं इसे जॉइन करूँ, दूसरा अफगान युद्ध छिड़ चुका था। मुंबई पहुँचने पर मुझे पता चला कि मेरी टुकड़ी पहले से ही दुश्मन देश में काफी अंदर तक पहुँच चुकी थी। मैंने भी उनका अनुसरण किया और कंधार तक सुरक्षित पहुँचने में सफल रहा, हालांकि मेरे साथ कुछ अन्य अफसर भी थे जो ठीक मेरे जैसी स्थिति में थे। वहाँ मुझे अपनी रेजीमेंट मिली और मैं अपने नए कर्तव्यों के पालन में जुट गया।
हमारा वह अभियान अनेक लोगों के लिए सम्मान और पदोन्नति लाया, लेकिन मेरे लिए दुर्भाग्य और समस्याओं के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं। मुझे अपनी ब्रिगेड से हटा कर Berkshires के साथ तैनात कर दिया गया, जिनके साथ मैंने Maiwand के घातक युद्ध में अपनी सेवाएँ दी। उस लड़ाई में मैंने अपने कंधे पर एक जेजाइल गोली खाई जिसने मेरी हड्डी का कचूमर बना दिया और मेरी एक प्रमुख धमनी को छूते हुए निकल गई। उस समय मैं निर्मम हत्यारे, गाजियों के हाथों में पड़ गया होता, यदि मेरे अस्पताल सहायक मर्री ने साहस दिखाते हुए, मुझे सामान ढोने वाले घोड़े पर न दाल दिया होता। इस तरह उसने मुझे सफलता पूर्वक बचा लिया और मुझे पुनः ब्रिटिश लाइन्स ले आया।
तेज दर्द और लंबे समय कठिनाइयाँ झेलकर मैं बहुत कमजोर हो चुका था, इस कारण मुझे ड्यूटी से हटा दिया गया और घायलों से भरी एक ट्रेन के साथ पेशावर स्थित बेस हॉस्पिटल भेज दिया गया। यहाँ मैंने रिकवर किया और अब मैं इतना ठीक हो चुका था कि वार्ड तक चल सकता था और बारामदे में टहलने का आनंद भी उठा सकता था, लेकिन तभी मैं आंत्रज्वर से पीड़ित हो गया जो हमारे भारतीय साम्राज्य के लिए एक शाप के समान था। महीनों तक मैं निराशा मैं जीवन जीता रहा और अंत में जब मेरा स्वास्थ्य थोड़ा ठीक हुआ, तब तक मैं इतना कमजोर और क्षीण हो चुका था कि एक मेडिकल बोर्ड ने यह निश्चय किया, मुझे वापस इंग्लैंड भेजने में एक दिन का भी विलंब नहीं करना चाहिए। इस प्रकार मुझे इंग्लैंड भेज दिया गया और एक महीने बाद मैं पोर्त्स्माउथ के घाट पर उतरा, असाध्य रूप से खराब स्वास्थ्य के साथ, लेकिन साथ ही सरकार ने मुझे अगले नौ माह इसे सुधारने के प्रयासों में बिताने कि अनुमति भी दी।
इंग्लैंड में न ही तो मेरा कोई दोस्त था और न ही कोई रिश्तेदार, और इस तरह मैं इतना आजाद था जितना कि खुली हवा होती है या फिर इतना, जितना ग्यारह शिलिंग और छः पेन्स की आय एक व्यक्ति को बना सकती थी। इन परिस्थितियों ने मुझे लंदन की ओर आकर्षित किया, जहां पूरे देश भर के आलसी और आराम पसंद लोग खिंचे चले आते थे। वहाँ मैं स्ट्रेंड में एक निजी होटल में कुछ समय के लिए रुका, जरूरत से ज्यादा धन खर्च करते हुए और एक असुविधाजनक, अर्थहीन जीवन जीते हुए। जल्दी ही मुझे अहसास हुआ कि मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी ही गई है कि या तो मुझे यह महानगर छोड़ना होगा या फिर अपनी जीवन शैली में एक बड़ा परिवर्तन करना होगा। इन दोनों विकल्पों में से मैंने दूसरा विकल्प चुना और होटल छोड़ने के लिए मन बनाता हुआ, किसी कम ख़र्चीले इलाके में क्वार्टर लेने का विचार करने लगा।
ठीक उसी दिन, जिस दिन मैंने यह फैसला किया, मैं Criterion Bar में खड़ा था, तभी किसी ने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रखा, पीछे घूमते हुए मैंने युवा स्टेमफोर्ड को पहचान लिया, जो Barts में मेरे अधीन ड्रेसर रह चुका था। लंदन के घोर शोरगुल में, एक अकेले आदमी के लिए दोस्ताना निगाह और जाना-पहचाना चेहरा, बहुत सुखद होते हैं। पुराने दिनों में स्टेमफोर्ड मेरा घनिष्ठ मित्र तो नहीं था, लेकिन अभी मैंने उत्साह से उसका स्वागत किया, और बदले में वह भी मुझे देखकर खुश दिखाई दिया। प्रसन्नता के साथ मैंने उसे होलबोर्न में लंच ले लिए पूछा और हम बग्घी में रवाना हुए।
“तुमने अपना यह क्या हाल बनाया है, वाटसन?” उसने आश्चर्य से पूछा, उस दौरान हम लंदन की भीड़ वाली गलियों से गुजर रहे थे। “तुम एक पट्टी जितने पतले और एक नारियल की तरह भूरे हो गए हो।“
मैंने उसे अपने कारनामों का एक संक्षिप्त वर्णन कह सुनाया, इस दौरान हम अपने गंतव्य तक पहुँच चुके थे।
मेरे दुर्भाग्य भरे अतीत को सुनने के बाद उसने कहा “बेचारा!” उसने आगे पूछा “तो अब तुम क्या कर रहे हो?”
“किसी आशियाने की तलाश,” मैंने जवाब दिया। मैंने बात आगे बढ़ाते हुए पूछा, “तो क्या रहने के लिए उचित मूल्य पर कोई कमरा मिल सकता है?”
“यह बड़ी अजीब बात है,” मेरे साथी ने टिप्पणी की; “आज इस विषय पर मुझसे बात करने वाले तुम दूसरे आदमी हो।“
“तो पहला कौन था?” मैंने पूछा।
“एक दोस्त ही है जो अस्पताल की केमिकल लैब में काम कर रहा है। आज सुबह वह अपना दुःख बयान कर रहा था, उसे कोई नहीं मिला जो उसके ढूँढे हुए कुछ अच्छे कमरों का किराया साझा कर उसके साथ रह सके, क्योंकि उनका किराया, उसकी जेब के लिए कुछ ज्यादा ही है।“
“ओह! थेंक गॉड!” मैंने कहा, “अगर वास्तव में वह किसी कमरे और उसके किराये को साझा करना चाहता है, तो मैं वही हूँ जिसकी वह तलाश कर रहा है। मैं अकेला रहने की बजाय एक साथी के साथ रहना पसंद करूंगा।“
स्टेमफोर्ड ने अपने वाइन के ग्लास में से एक अजीब नजर से मेरी ओर देखा। “तुम अभी तक शरलॉक होम्स को जानते नहीं हो,” उसने कहा; “शायद तुम उसके साथ, एक साथी की तरह ज्यादा दिनों तक नहीं रह सकोगे।“
“क्यों, उसके बारे में ऐसा क्या है?”
“ओह! मैंने यह नहीं कहा कि उसके साथ कुछ गलत है। उसके विचार थोड़े अजीब है- विज्ञान की कुछ शाखाओं में उत्साही। जहां तक मैं जनता हूँ, वह एक पर्याप्त सभ्य साथी है।“
“मुझे लगता है, एक मेडिकल स्टूडेंट?” मैंने कहा।
“नहीं- मुझे बिलकुल भी अंदाजा नहीं है कि आगे उसका इरादा क्या करने का है। मेरा मानना है कि वह Anatomy में अच्छा है, और वह एक शानदार केमिस्ट है; लेकिन जितना मैं जानता हूँ, उसने कभी भी व्यवस्थित रूप से मेडिकल क्लास अटेण्ड नहीं की है। उसका यह अध्ययन बहुत ही असंगत और विलक्षण है, लेकिन उसने बहुत सा ज्ञान लीक से हटकर प्राप्त किया है जो प्रोफेसर्स को चकित कर देगा।“
“क्या तुमने कभी नहीं पूछा कि वह यह सब किस लिए कर रहा है?” मैंने पूछा।
“नहीं; वह किस प्रकार का आदमी है यह पता लगाना बहुत ही मुश्किल काम है, हालांकि वह काफी मिलनसार हो सकता है जब उसकी कल्पनाओं को थोड़ा समझा जाए।“
“मुझे उससे मिलना चाहिए,” मैंने कहा। “यदि मुझे किसी के साथ रहना हो तो मैं एक मेहनती और शांत आदतों वाले आदमी के साथ रहना पसंद करूंगा। मैं अभी तक उस स्थिति मैं नहीं पहुंचा हूँ कि मैं तेज आवाज और उत्तेजना के बीच रह सकूँ; इन दोनों को मैं अफगानिस्तान में बहुत झेल चुका हूँ। मैं तुम्हारे इस मित्र से कैसे मिल सकता हूँ?”
“वह निश्चित ही लेब में होगा,” मेरे साथी ने कहा। “या तो वह हफ़्तों तक वहाँ नहीं जाता, या फिर सुबह से रात तक वहाँ काम करता है। यदि तुम चाहो तो लंच के बाद हम एक साथ वहाँ चल सकते है।“
“निश्चित रूप से,” मैंने जवाब दिया, और इसके बाद हमारी बातचीत अन्य मुद्दों कि ओर बढ़ चली।
जब हम होलबोर्न छोड़ अस्पताल कि ओर जा रहे थे, रास्ते में स्टेमफोर्ड ने मुझे उन सज्जन के बारे में थोड़ी और जानकारी दी, जिन्हें मैं अपने साथ रखने वाला था।
“तुम मुझे दोष नहीं दोगे, यदि तुम उसके साथ नहीं रह पाये,” उसने कहा; “जितना मैंने उससे लेब मैं हुई कई मुलाकातों के आधार पर जाना है, उससे ज्यादा उसके बारे मैं कुछ नहीं जानता। तुम्हीं ने यह प्रस्ताव दिया है, इसलिए किसी भी गड़बड़ के लिए तुम मुझे जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।“
मैंने स्टेमफोर्ड की ओर देखते हुए कहा, “जरूर कोई बात है, नहीं तो इस तरह, तुम इस मामले से पीछे नहीं हटते। क्या इस आदमी का गुस्सा इतना भयंकर है, या फिर और कोई बात है?”
“उस बात को कहना इतना आसान नहीं है, जिसे बयां ही न किया जा सके,” हँसते हुए उसने कहा। मेरे हिसाब से होम्स थोड़ा साइंटिफिक टाइप का है, कभी कभी वह संवेदना हीन हो जाता है। मैं सोच सकता हूँ कि कैसे, उसने एक मित्र को एक चुटकी भर वेजीटेबल एल्कोइड दे दिया था, किसी दुर्भावना से नहीं, बल्कि केवल यह पता करने के लिए कि मानव शरीर पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है। मुझे लगता है, जांच के साथ न्याय करने के लिए, इसी तत्परता के साथ वह खुद के साथ भी ऐसा कर सकता है। निश्चित ही सटीक ज्ञान प्राप्त करने के लिए उसमें जुनून है।“
“बहुत, बहुत सही बात।“
“हाँ, लेकिन यह एक अलग मोड़ भी ले सकता है! जब एक अलग कमरे में किसी चीज को छड़ी से पीटने कि बात आए, तो निश्चित रूप से तो नहीं, लेकिन फिर भी मेरा मानना है कि यह एक विचित्र आकार ले सकता है।“
“किसी चीज को पीटना!”
“हाँ, यह पता लगाने के लिए कि मौत के बाद भी चोट के निशान कितने गहरे बनाए जा सकते हैं। मैंने खुद उसे ऐसा करते हुए देखा है।“
“और फिर तुम कहते हो कि वह एक मेडिकल स्टूडेंट नहीं है?”
“नहीं, भगवान ही जानता है कि उसके अध्ययन का उद्देश्य क्या है। सुनो, अब हम पहुँच गए हैं, और तुम्हें उसके बारे में अपनी एक मानसिकता बनानी होगी।“
उसकी बात समाप्त होने के साथ ही हम नीचे एक संकरी गली की ओर मुड़े और एक साइड-डोर से गुजरे जो उस बड़ी सी अस्पताल की एक शाखा में खुला।

  यह मेरे लिए एक परिचित जगह थी, और मुझे मार्गदर्शन की कोई जरूरत नहीं थी। हम धूमिल पत्थरों से बनी सीढ़ियाँ चढ़े और लंबे गलियारे मे से अपना रास्ता बनाते हुए आगे बढ़े, इसकी दीवारें पुती हुई थी और दरवाजों का रंग हल्का काला था। इसके किनारे के पास से ही एक हल्की धनुषाकार गैलेरी केमिकल लेबॉरेटरी की ओर जाती थी।
यह एक बड़ा सा कक्ष था, अनगिनत बोतलें यहाँ लाइनों में रखी हुई थी। कम ऊंचाई की, चौड़ी टेबल्स, जिन पर बीकर, परखनलियाँ और बर्नर, जिनमें से हल्की नीली ज्वाला निकाल रही थी, यहाँ-वहाँ फैली हुई थी। कमरे में केवल एक ही छात्र था, जो दूर अपने काम में लीन, एक टेबल पर झुका हुआ था। हमारे पैरों की आहट सुनकर उसने जल्दी से चारों ओर देखा और खुशी से चिल्लाते हुए उछल पड़ा। “मैंने इसे खोज लिया है! मैंने इसे खोज लिया है! उसने मेरे साथी को देखते हुए कहा और हमारी ओर दौड़ पड़ा, उस समय उसके हाथ में एक परखनली थी। “मैंने एक re-agent खोज निकाला है, जिसे मैंने हीमोग्लोबिन में से प्राप्त किया है, किसी अन्य चीज से नहीं।“ जैसे उसने सोने की एक खान खोज ली हो, वह अन्य किसी अवसर पर, इससे ज्यादा खुशी नहीं व्यक्त कर सकता था।
“डॉ वाटसन, मिस्टर शरलॉक होम्स,” स्टेमफोर्ड ने हमारा परिचय करवाते हुए कहा।
“आप कैसे हैं?” उसने थोड़ी ताकत से मेरा हाथ पकड़ते हुए, मित्रवत लहजे में पूछा। “मेरे हिसाब से आप अफगानिस्तान में थे।“
“आपको कैसे पता चला?” मैंने आश्चर्य से पूछा।
अपनी हंसी पर काबू पाते हुए उसने कहा, “कोई बात नहीं। अब प्रश्न हीमोग्लोबिन के बारे में है, आपको मेरी इस खोज का कितना महत्व नजर आता है?”
“रासायनिक रूप से तो यह बड़ी दिलचस्प है, पर प्रेक्टिकली.............” मैंने उत्तर दिया।
“क्यों, भाई? सालों से चले आ रहे मेडिकल नियमों के मुताबिक यह एक प्रेक्टिकल खोज है। क्या तुम नहीं देखते, यह हमारे खून के धब्बों के लिए एक सटीक परीक्षण देता है। अब यहाँ आओ!” उसने मुझे कोट की आस्तीन से पकड़ा और उत्सुकता से उस टेबल पर ले गया, जहां वह काम कर रहा था। “हम थोड़ा सा ताज़ा खून लेते हैं,” कहते हुए उसने अपनी उंगली में एक लंबी सी सुई चुभोई और फलस्वरूप निकले खून को एक रसायनिक पीपेट में डाल लिया। “अब खून की इस थोड़ी सी मात्रा को, एक लीटर पानी में मिलाते हैं। तुम यह मानते हो प्राप्त मिश्रण में शुद्ध रूप से पूरा पानी ही होगा, खून का अनुपात 1:100000 से अधिक नहीं हो सकता। मुझे कोई संदेह नहीं है कि चाहे कुछ भी हो, हम केरेक्टरस्टिक रिएक्शन तो प्राप्त कर ही लेंगे।“ ऐसा कहने के साथ ही उसने बर्तन में कुछ सफ़ेद क्रिस्टल डाल दिये, और तब उसमें एक पारदर्शक तरल की कुछ बूंदें डाली। एक ही पल में उस मिश्रण का रंग हल्का महोगनी हो गया, और भूरी सी धूल उस ग्लास-जार के पेंदे में जमा हो गई।
“हा! हा!” वह चिल्लाया और साथ ही ताली भी बजाई। वह ठीक उसी प्रकार प्रसन्न दिखाई दे रहा था, जैसे एक बच्चा नया खिलौना मिलने पर होता है। “अब तुम इसके बारे में क्या सोचते हो?”
“यह एक बहुत ही नाजुक/गंभीर परीक्षण लग रहा है,” मैंने टिप्पणी की।
“अति सुंदर! पुराना Guicam परीक्षण बहुत कठिन और अनिश्चित था, तो माइक्रोस्कोपिक परीक्षण उस समय बेकार हो जाता है, जब धब्बे कुछ घंटों पुराने हो। अब इस टेस्ट के द्वारा, अच्छी तरह खून के धब्बों का परीक्षण किया जा सकेगा।“
“वाकई!” मैं बुदबुदाया।
“आपराधिक मामले इस बात पर बहुत निर्भर करते है। कोई अपराध होने के शायद कई महीनों बाद, एक आदमी पर संदेह किया जाता है। उसके कपड़ों की जांच की जाती है, और उन पर भूरे धब्बे मिलते हैं। क्या वे खून के हैं, या कीचड़ के, जंग के हैं या फिर फलों का रस है, आखिर वे हैं किस चीज के? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसने, अनेक विशेषज्ञों को सोचने पर विवश कर दिया, लेकिन क्यों? क्योंकि उनके पास कोई विश्वसनीय परीक्षण नहीं है। अब हमारे पास शरलॉक होम्स का टेस्ट है, और अब कोई समस्या ज्यादा दिनों तक नहीं होगी।“
जब वह यह सब कुछ बोल रहा था, उसकी आँखों में एक विशिष्ट चमक थी, और अब उसने अपने दिल पर हाथ रखा और इस प्रकार सराहना की मुद्रा में आगे झुका, जैसे वह अपनी कल्पना से उपजी भीड़ का अभिवादन कर रहा हो।
“आप को बधाई है,” मैंने उसके उत्साह पर आश्चर्य करते हुए टिप्पणी की।
“यदि यह परीक्षण अस्तित्व में होता तो, पिछले साल, फ्रेंकफोर्ट में वॉन बिशोफ के केस में, उसे निश्चित ही फांसी हो गई होती। ब्रेडफोर्ड के मेसन और कुख्यात मुलर तथा मोनपेलिए के लेफ़ेवर और न्यू ओलरेंस के सेमसन के साथ भी ऐसा ही होता। मैं ऐसे अनेक मामलों के नाम गिनवा सकता हूँ, जिनमें यह परीक्षण निर्णायक साबित हो सकता था।“
 “तुम जुर्म के एक चलते-फिरते केलेण्डर लगते हो,” स्टेमफोर्ड ने हँसते हुए कहा। “तुम्हें इन खबरों पर आधारित एक अखबार का प्रकाशन शुरू करना चाहिए। इसे ‘पुलिस के पुराने समाचार’ ऐसा नाम दिया जा सकता है।‘
“यह पढ़ने में दिलचस्प होगा, इसे प्रकाशित किया जा सकता है।“ शरलॉक होम्स ने टिप्पणी की और साथ ही अपनी उंगली के घाव पर प्लास्टर का एक छोटा टुकड़ा भी चिपकाया। “मुझे सावधान रहना होगा,” वह एक मुस्कुराहट के साथ मेरी ओर मुड़ा और बोलना जारी रखा। “जिस तरह से मैं जहर के साथ प्रयोग करता हूँ, ऐसा करना जरूरी है।“ यह कहने के साथ ही उसने अपना हाथ बाहर निकाला और मैंने गौर किया कि, यह जगह-जगह प्लास्टर के समान टुकड़ों से बंधा पड़ा है और एसिड के प्रयोग के कारण हाथ की चमड़ी का रंग भी फीका पड़ गया था।
“हम यहाँ किसी काम से आए है,” स्टेमफोर्ड ने एक ऊंची तीन टांगों वाली कुर्सी पर बैठते हुए कहा और अपने पैर से एक कुर्सी मेरी और सरका दी। “मेरा मित्र यहाँ एक मकान के लिए तलाश कर रहा है, और जैसा कि तुम शिकायत कर रहे थे कि तुम्हें किराया साझा करने के लिए कोई मिल नहीं रहा है, मैंने सोचा कि तुम दोनों को मिलवाना एक बेहतर विकल्प होगा।“
शरलॉक होम्स मेरे साथ कमरा साझा करने के विचार पर खुश दिखलाई पड़ रह रहा था। “मेरी नजर में बेकर स्ट्रीट में एक मकान है,” उसने कहा, “जो हमें अच्छा सूट करेगा। मुझे लगता है कि, तुम्हें तंबाकू की तेज गंध से कोई पपरेशानी नहीं होगी?“
"मैं हमेशा धूम्रपान से दूर ही रहता हूँ," मैंने उत्तर दिया।
"यह काफी अच्छी बात है। मैं कभी कभी रसायनों से प्रयोग करता हूँ। क्या इससे तुम्हें कोई परेशानी होगी?"
"नहीं, बिल्कुल नहीं।"
"मुझे एक बार देख लेने दें....... मेरी अन्य कमियाँ क्या है। कई बार, जब मैं हार के कगार पर होता हूँ, तो कई दिनों तक अपना मुँह नहीं खोलता हूँ। जब में ऐसा करूँ, आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि मैं खिन्न हूँ। बस मुझे अकेला छोड़ दें और जल्द ही मैं पुनः ठीक हो जाऊँगा। अब आप क्या कबूल करने वाले हैं? दो साथियों के लिए, एक साथ रहना शुरू करने से पहले, एक दूसरे की बुराइयों को जान लेना अच्छा रहता है।"
मैं इस क्रॉस क्विश्चन पर हंसा। “मैं एक बुल डॉग रखता हूँ,” मैंने कहा, “मुझे नापसंद चीजों की एक लंबी फेहरिस्त है, क्योंकि मेरी नसें हिली हुई है और मैं बहुत आलसी हूँ।“
“क्या इस लंबी फेहरिस्त में वोयलिन बजाना भी शामिल है?” उसने बड़ी उत्सुकता से पूछा।
“यह बजाने वाले पर निर्भर करता है,” मैंने उत्तर दिया। “ अच्छी तरह से बजाया गया एक वोयलिन देवताओं को भी खुश कर देता है और बुरी तरह बजाया गया…………………”
“ओह, ये सब ठीक है,” एक हल्की मुस्कुराहट के साथ वह बोला। “हम मान सकते हैं कि सभी बातें तय हो चुकी है, यदि तुम सहमत हो तो।“
“जब हम मकान देखेंगे तब?”
“कल दोपहर में तुम यहीं पर मुझे मिलना, और हम साथ में वहाँ चलकर सबकुछ तय करेंगे।“ उसने जवाब दिया।
“ठीक है..................ठीक दोपहर के समय,” मैंने उससे हाथ मिलते हुए कहा।
हमने उसे रसायनों के साथ काम करते हुए छोड़ दिया और एक साथ मेरी होटल की ओर चल दिए।
“वैसे,” मैंने अचानक रुकते हुए स्टेमफोर्ड की ओर देखा और पूछा, “उसे यह बात कैसे पता चली कि मैं अफगानिस्तान से आया हूँ, जो कि एकदम सत्य है?”
मेरा साथी एक रहस्यमयी मुस्कान मुस्कुराया। “यह बस उसकी एक छोटी सी खूबी है,” उसने कहा। “बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर कैसे, वह यह सब पता कर लेता है।“
“ओह, तो यह एक रहस्य है?” मैंने अपने हाथ रगड़ते हुए कहा। “यह बहुत तीखा है। हमें साथ लाने के लिए मैं तुम पर ज़ोर डाल रहा हूँ। इस आदमी में मानव जाति का पूरा रहस्य छिपा हुआ है, क्या तुम यह जानते हो?”
“तब तो तुम्हें उसपर शोध करना चाहिए,” स्टेमफोर्ड ने मुझसे विदा लेते हुए कहा। “तुम्हें वह एक विकट समस्या लगेगा। मैं शर्त लगा सकता हूँ कि जितना तुम उसके बारे में जानते हो, उससे कहीं अधिक वह तुम्हारे बारे में जानता है। गुड बाय।“
“गुड बाय,” मैंने जवाब में कहा और अपने नए परिचित में काफी दिलचस्पी लेते हुए मैं अपने होटल की ओर चल दिया।
अध्याय 2
The Science of Deduction
 जैसा कि उसने कहा था हम अगले दिन मिले, और बेकर स्ट्रीट के मकान नंबर 221B
में कमरों का अवलोकन किया, जिनका कि उसने हमारी पिछली मुलाक़ात में जिक्र किया था। उनमें दो आरामदायक बेड रूम और एक बड़ी, हवादार बैठक थी, बड़ी मेहनत से सुसज्जित किए गए दो और दो बड़ी खिड़कियों से रोशनी का प्रबंध किया गया था। अपार्टमेंट्स हर तरह से वांछनीय थे और हम दोनों के बीच इतनी आसान शर्तों पर बांटे गए थे कि मौके पर ही उस सौदे का निष्कर्ष निकाल लिया गया और हमने तुरंत घर अपने अधिकार में ले लिया। उसी शाम मैंने होटल से अपना सामान वहाँ ले लिया और अगली सुबह शरलॉक होम्स ने सामान ले रूप में कुछ डिब्बों और चमड़े के अपने सन्दूक के साथ मेरा अनुसरण किया। एक या दो दिन हम अपने सामान को अनपैक करने और उसे उचित जगह पर लगाने में व्यस्त रहे। 
यह सब पूरा करने के बाद, धीरे-धीरे हमने वहाँ सेटल होना शुरू कर दिया और साथ ही खुद को माहौल के अनुरूप ढालने लगे। वास्तव में साथ रहने के लिए होम्स एक बुरा आदमी नहीं था और उसके साथ रहना कठिन नहीं था। वह शांत किस्म का था और उसकी आदतें नियमित थीं। रात में दस बजे के बाद वह न के बराबर जागता था और सुबह मेरे उठने से पहले ही नाश्ता कर बाहर जा चुका होता था। कभी वह अपना दिन लेब में बिताता तो कभी प्रयोग के लिए बने अलग कमरों में, और कभी-कभी वह लंबी दूरी तक पैदल चलता था जिससे वह शहर के दूर के हिस्सों में पहुँच जाता था। जब उस पर काम की धुन सवार होती थी तो उसकी ऊर्जा देखने लायक होती थी; लेकिन अब एक बार फिर एक रिएक्शन उसे अपने प्रभाव में ले लेगा और वह कई दिनों तक सुबह से शाम तक, बैठक के सोफ़े पर पड़ा रहेगा, बिना कुछ बोले और बिना अपना कोई भी अंग हिलाए। इन अवसरों पर मैंने उसकी आँखों में एक स्वप्निल, कुछ खाली सा भाव नोटिस किया है, मुझे संदेह होने लगा कि वह किसी प्रकार के मादक पदार्थों का आदी है।जैसे-जैसे दिन गुजरते गए उसके प्रति मेरी रूचि और उसके जीवन के लक्ष्यों के बारे में जिज्ञासा धीरे-धीरे बढ़ने और गहरी होने लगी। उसकी खुद कीपर्सनेलिटी ऐसी थी कि किसी भी निरीक्षक का ध्यान अचानक खींच सकती थी। उसकी लंबाई शायद ही छह फीट से ज्यादा होगी और तो और वह जरूरत से ज्यादा पतला था, जो उसे काफी लंबा बना देते था। उसकी आँखें तेज और भेदी थी, और उसकी पतली, बाज की तरह नाक, उसके निर्णयों और सतर्कता को अभिव्यक्त करती थी। उसकी ठोड़ी भी चौड़ी और सब कुछ बयां करने वाली थी, जो दृढ़निश्चयी व्यक्ति की निशानी थी। उसके हाथ हमेशा स्याही और रसायनों के दाग से रंगे रहते थे, वस्तुओं को हेंडल करने में वह असाधारण रूप से दक्ष था, यह मैंने कई बार देखा था जब वह अपने नाजुक, दार्शनिक उपकरणो से छेड़छाड़ कर रहा था।पाठक मुझे एक निराश, व्यस्त व्यक्ति मान सकते हैं, जबकि मैं खुद मानता हूँ इस आदमी ने मेरी जिज्ञासा को बहुत प्रेरित किया है और कितनी ही बार मैंने, उसकी चुप्पी को जिससे वह खुद चिंतित है, तोड़ने का प्रयास किया है। निर्णय लेने से पहले, यह ध्यान में रखें कि मेरी ज़िंदगी कितनी व्यर्थ थी और अपना ध्यान केन्द्रित करने के लिए मेरे पास कोई मुद्दा नहीं था। मेरे स्वास्थ्य ने मुझे तब तक कोई भी खतरा लेने से रोका, जब तक कि मौसम असाधारण रूप से गड़बड़ था, और मेरा कोई दोस्त भी नहीं था जो मुझसे मिलने आए और दैनिक जीवन की मेरी एकरसता तोड़े। इन परिस्थितियों में मैंने अपने साथी के छोटे से रहस्य को बड़ी बेसब्री से सुलझाने में अपना बहुत सा समय बिताया।
वह चिकित्सा विज्ञान नहीं पढ़ रहा था। एक सवाल के जवाब में उसने खुद उस पॉइंट पर स्टेमफोर्ड के विचार की पुष्टि की थी। न ही तो वह कोई ऐसा कोर्स कर रहा था जो उसे विज्ञान या अन्य किसी मान्यता प्राप्त स्ट्रीम की डिग्री देकर शिक्षित वर्ग में लाकर खड़ा कर दे। अभी तक कुछ विषयों के अध्ययन के लिए उसका उत्साह उल्लेखनीय था, और एक विशेष सीमाओं के दायरे में उसका ज्ञान इतना असाधारण, पर्याप्त और सटीक था, कि उसकी टिप्पणियाँ मुझे चकित कर देती थी। कोई भी व्यक्ति इतना कठिन काम नहीं करेगा या इतनी सटीक जानकारी नहीं जुटाएगा, जब तक कि उसकी दृष्टि में उसका कोई उपयोग नहीं होगा। अनियमित पाठक शायद ही कभी अपने पढे हुए की सटीकता के लिए जाने जाते है। कोई भी व्यक्ति अपने दिमाग पर दबाव नहीं डालेगा, जब तक कि उसके पास ऐसा करने का कोई अच्छा कारण न हो।
उसकी अज्ञानता भी उतनी ही उल्लेखनीय थी जितना कि उसका ज्ञान। समकालीन साहित्य, दर्शन और राजनीति के बारे में उसे कुछ भी पता नहीं था। मेरे द्वारा थॉमस कार्लयले का नाम लिए जाने पर, वह झूठे अनुमान लगाने लगा, कि वह कौन हो सकता है और उसने क्या किया है। लेकिन मेरा आश्चर्य उस समय चरम पर पहुँच गया, जब मुझे अचानक यह पता चला कि सौरमंडल की कार्यप्रणाली के बारे में कॉपरनिकस सिद्धान्त भी उसे पता नहीं है। उन्न्सीसवी सदी का कोई सभ्य आदमी इसके बारे में न जानता हो कि पृथ्वी सूर्य के चारों और चक्कर लगाती है, यह बात मुझे बड़ी अजीब लगी, जल्दी से तो मैं इस पर विश्वास ही नहीं कर पाया।
और ये महाशय है थॉमस कार्लयले। ये महाशय एक स्कोटिश राइटर, शिक्षक और इतिहासविद थे।
“तुम कुछ चकित दिखाई दे रहे हो, “उसने मेरे आश्चर्य पर मुस्कुराते हुए कहा। “अब जो बात मैं जानता हूँ, वो ये है कि अपना सर्वश्रेष्ठ करने के लिए मुझे इसे भूल जन चाहिए।“
“इसे भूल जन चाहिए!”
“देखो,” उसने समझाया’ “मैं मानता हूँ कि मानव मस्तिष्क एक छोटी, खाली अटारी की तरह है, जिसे तुम्हें कुछ फ़र्नीचर चुनकर भरना है। एक मूर्ख व्यक्ति इस अटारी में वो सब कुछ भर लेता है, जो उसे मिलता है, इसलिए उनके काम की चीज़ इस भीड़ में कहीं दब जाती है, और ज़रूरत पड़ने पर वह उसे बामुश्किल ढूंढ पाता है। एक कुशल कामगार को देखो! वह इस मामले में वाकई सचेत है कि उसे अपने दिमाग की अटारी में क्या रखना है। उसके पास उन टूल्स के अलावा और कुछ भी नहीं होगा, जो उसके काम के है, लेकिन जो चीज़ काम की है, वो उसका एक बड़ा संग्रह रखता है और सब कुछ एक सही क्रम में। यह सोचना बहुत गलत होगा कि उस छोटी सी अटारी की दीवारें लचीली है और इन्हें आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है। इस अटारी की सीमा पर निर्भर एक समय आता है, जब कुछ भी याद करने पर तुम पहले से याद कोई सूचना भूल जाते हो। यही सबसे महत्वपूर्ण है; इसलिए बेकार की बातों को यह परमीशन मत दो, कि वे काम के ज्ञान को, तुम्हारे दिमाग की अटारी से बाहर निकाल सके।“
“लेकिन सौर प्रणाली!” मैंने विरोध किया।
लेकिन यह मेरे किस काम की?” उसने बेसब्री से बीच में ही मुझे टोक दिया। “तुम कहते हो कि हम सूर्य का चक्कर लगाते हैं, यदि हम चंद्रमा का चक्कर लगा रहे होते तो भी यह मुझे या मेरे काम को एक पैसा भी प्रभावित नहीं करता।“
वह समय उसके काम के बारे में पूछने के लिए सही समय लग रहा था और मैं उससे पूछने ही वाला था, लेकिन उसके रवैये को देखते हुए मुझे लगा कि यह एक अप्रिय प्रश्न होगा। मैंने हमारे बीच हुए छोटे से वार्तालाप पर सोचना शुरू कर दिया। उसने कहा था कि वह ऐसा ज्ञान एकत्र नहीं करेगा जो उसके काम का नहीं है। इसका मतलब, वह जो कुछ भी जानता है, सब कुछ उसके काम का है। मैंने अपने दिमाग में उन सभी बिन्दुओं को गिना, जो उसने मुझे बताए थे कि वो उनके बारे में काफी कुछ जानता है। यहाँ तक कि मैंने एक पेंसिल लेके उन्हें एक कागज़ पर लिख भी लिया था। जब मैंने दस्तावेज़ पूरा किया तो खुद को हंसने से नहीं रोक पाया।
यह कुछ इस प्रकार था-
शरलॉक होम्स............................. उसकी सीमाएं
1 साहित्य का ज्ञान- नहीं।
2 दर्शन- नहीं।
3 खगोल विज्ञान- नहीं।
4 राजनीति- कमज़ोर।
5 वनस्पति विज्ञान- परिवर्तनीय। बैलागेना, अफ़ीम और ज़हर का अच्छा, बागवानी के बारे में कुछ नहीं जानता।
6 भूविज्ञान- व्यावहारिक परंतु सीमित। एक ही नज़र में मिट्टियों को एक-दूसरे से अलग कर देता है। पैदल चलने पर पैंट पर लगे मिट्टी के दाग मुझे दिखाए और बताया कि लंदन के किस हिस्से में, ये उसकी पैंट पर लगे थे।
7 रसायन विज्ञान- गहरा।
8 एनैटॉमी- सटीक परंतु अलग-अलग।
9 सनसनीखेज साहित्य- अमिट। शताब्दी में घटित हुई प्रत्येक डरावनी घटना की प्रत्येक गहराई को जानता है।
10 वोयलिन अच्छा बजाता है।
11 अच्छा सिंगल स्टिक (लकड़ी से तलवारबाज़ी) प्लेयर, मुक्केबाज़ी में विशेषज्ञ और एक शानदार तलवारबाज़।
12 ब्रिटिश कानून का अच्छा, व्यावहारिक ज्ञाता।
लिस्ट को पूरा पड़ने के बाद मैंने निराशा से उसे आग में फेंक दिया। “यदि मैं केवल यह पता कर पाता कि सभी कुशलताओं को मिलाकर आखिर वह क्या करना चाहता है, और ऐसी किस चीज की खोज कर रहा है जिसके लिए ये सब ज़रूरी है।“ मैंने अपने आप से कहा, “अभी एक बार तो मुझे ऐसा पता लगाने का प्रयास छोड़ ही देना चाहिए।“
मैं देखता हूँ कि मैंने अप्रत्यक्ष रूप से, वोयलिन बजाने की कला पर ध्यान दिया है। यह बहुत उल्लेखनीय थी, लेकिन इतनी ही विलक्षण जितनी उसकी अन्य उपलब्धियां। वह बहुत कठिन राग भी बजा सकता था, मैं अच्छी तरह से जानता हूँ क्योंकि मेरे आग्रह पर उसने Mendlesson की Lieder और कुछ अन्य पसंदीदा धुनें सुनाई थी। यदि केवल उसकी बात करें तो, शायद ही उसने कभी कोई धुन बनाई हो, या किसी जानी पहचानी धुन को बजाने का प्रयास किया हो। एक शाम, अपनी आराम कुर्सी पर बैठते हुए, वह अपनी आँखें बंद करेगा और अपने वोयलिन को लापरवाही से बजाएगा, जो उसके घुटनों पर पड़ा है। कई बार स्वर उदास और तेज होते थे। कभी स्वर शानदार और उमंग से भरपूर होते थे। ज़ाहिर है, वे उसके विचारों को, जो उस समय उसके मन में थे, की ओर इंगित करते थे, लेकिन क्या वह संगीत उसके विचारों से प्राप्त था या फिर एक तरंग या कल्पना का परिणाम था, इससे अधिक मैं और कुछ नहीं निश्चित कर पाया। मैंने इन परेशान कर देने वाले एकल गानों का विरोध कर दिया होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि वह उन्हें बीच में ही रोककर मेरी पसंदीदा धुनों की एक पूरी सीरीज़ सुना दिया करता था।
 पहले सप्ताह के दौरान कोई हमसे नहीं मिला, और मैंने यह सोचना शुरू कर दिया कि मेरा साथी भी उसी तरह एक मित्रहीन व्यक्ति था जैसा कि मैं स्वयं था। वर्तमान में, हालांकि मैंने पाया कि उसके कई परिचित है, जो समाज के विभिन्न वर्गों से है। हल्के पीले रंग के चूहे जैसे चेहरे वाले और काले रंग की आँखों वाले एक साथी को मिस्टर लेस्ट्रेड के रूप में मुझसे मिलवाया गया, वह एक ही सप्ताह में तीन या चार बार आया था। एक सुबह एक जवान लड़की आई जिसने फैशनेबल ड्रेस पहन रखी थी और वो आधे घंटे या इससे भी ज्यादा समय रुकी। उसी दिन, दोपहर में भूरे बालों वाला, थका हुआ आगंतुक आया, जो एक यहूदी फेरीवाला लग रहा था और मुझे बहुत उत्साहित भी लगा और उसके ठीक पीछे एक लापरवाह, वृद्ध महिला आई। एक अन्य अवसर पर एक वृद्ध, सफ़ेद बालों वाले सज्जन ने मेरे साथी से मुलाक़ात की; तथा दूसरे अवसर पर अपनी वेल्वेट वाली वर्दी में रेलवे का एक कुली आया। जब इन लोगों में से कोई भी आता, शरलॉक होम्स बैठक के उपयोग की आज्ञा मांगता था, और मैं, बैठक के कमरे को त्यागकर, अपने बेडरूम में चला जाया करता था। उसने मुझे हुई परेशानी के लिए हर बार माफ़ी मांगी। “मुझे यह कमरा अपने व्यापार स्थल के रूप में उपयोग लेना पड़ता है,” उसने कहा। “और ये लोग मेरे क्लाइंट्स है।“ एक बार फिर मेरे पास एक पॉइंटलेस सवाल पूछने का अवसर था, और फिर मेरी विनम्रता ने मुझे, दूसरे व्यक्ति पर, अपना सीक्रेट बताने के लिए, दबाव डालने से रोक लिया। उस समय मुझे लगा कि ऐसा इशारा करने के लिए उसके पास जरूर कोई ठोस कारण रहा होगा, लेकिन उसने जल्द ही यह विचार त्याग दिया।
यह चार मार्च का दिन था, मुझे अच्छे से याद है, क्योंकि मेरे पास याद रखने के लिए एक अच्छा कारण है। मैं उस दिन हमेशा से कुछ जल्दी ही उठ गया था, और देखता हूँ कि होम्स ने अभी तक अपना नाश्ता ख़त्म नहीं किया था। मकान मालकिन मेरी रोज की देरी की आदतों की अभ्यस्त हो चुकी थी और इस कारण मेरी जगह नहीं रखी गई थी और न मेरी कॉफी ही तैयार थी। मानव जाति की अनुचित ढिठाई के साथ मैंने घंटी बजाई और यह संकेत दिया कि मैं तैयार था। फिर मैंने टेबल से एक पत्रिका उठाई और इसके ज़रिए टाइमपास करने का प्रयास किया, जबकि मेरा साथी चुपचाप अपना टोस्ट खा रहा था। एक लेख पर पेंसिल से निशान किया गया था, जो उसके शीर्षक पर था और मैंने स्वाभाविक रूप से इसे पढ़ना शुरू कर दिया।
इसका शीर्षक कुछ महत्वकांक्षी था, “The Book of Life” (“जीवन की पुस्तक”), और इसमें यह दिखाने का प्रयास किया गया था की एक सतर्क आदमी, अपने रास्ते में आने वाले तथ्यों के एक सटीक और व्यवस्थित परीक्षण से कितना कुछ सीख सकता है। इसने मेरा ध्यान खींचा क्योंकि यह चतुराई और मूर्खता का एक असाधारण मिश्रण था। तर्क सत्यता के करीब और गहरा था, लेकिन तथ्यों के आधार पर निकाला गया निर्णय मुझे दूर की कौड़ी और अतिशयोक्ति लगा। लेखक ने दावा किया था कि एक क्षणिक अभिव्यक्ति, मांसपेशियों की एंठन या एक सरसरी निगाह डालने मात्र से ही किसी व्यक्ति के अन्तरिम विचारों की थाह ली जा सकती है। उसके अनुसार विश्लेषण और निरीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति के द्वारा गलती होना असंभव था। उसके निष्कर्ष यूक्लिड के बहुत से बयानों की ही तरह सटीक थे। उसके परिणाम, इसके बारे में न जानने वाले के लिए इतने चौंकाने वाले होंगे कि जब तक वे इस विधि के बारे में नहीं जानेंगे, तब तक वे उस निरीक्षक को एक जादूगर मानते रहेंगे।
“पानी की एक बूंद से,” लेखक ने कहा, “एक तर्कशास्त्री, बिना किसी चीज को देखे या सुने, यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि वह अटलांटिक महासागर अथवा नियाग्रा के झरनों से संबन्धित है। इस तरह सम्पूर्ण जीवन एक बहुत बड़ी कड़ी है जिसकी प्रकृति तब पता चलती है जा हमें इसका कोई लिंक मिलता है। अन्य सभी कलाओं की ही तरह ‘तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकालना और विश्लेषण करना’ भी एक कला है जिसमें महारत केवल लंबे और धैर्यपूर्ण अध्ययन से ही पाई जा सकती है और जीवन इतना लंबा नहीं है कि वह किसी इंसान को, इसमें अधिकतम दक्षता हासिल करने की अनुमति दे। किसी मुद्दे के उन नैतिक और मानसिक पहलुओं, जो बड़ी-बड़ी चुनौतियाँ पेश करते है, पर ध्यान देने से पहले निरीक्षक को सामान्य और प्राथमिक समस्याओं के हल खोजने में माहिर होने से शुरुआत करने दो। निरीक्षक को, अपने साथी से मिलने पर, एक ही नज़र में उसके इतिहास, और व्यवसाय, जिससे वह जुड़ा है, के बारे में पता लगाना सीखने दो। इस तरह का अभ्यास बचकाना लग सकता है, यह निरीक्षण की क्षमता को निखारता है, और सिखाता है कि किसी निरीक्षक को क्या और कहाँ देखना चाहिए। किसी व्यक्ति की उँगलियों के नाखूनों से, उसके कोट की आस्तीन से, उसके जूतों से, उसकी पैंट के घुटनों से, उसके अंगूठे और तर्जनी उंगली की कठोरता या पतलेपन से, उसकी अभिव्यक्ति से, उसके शर्ट कफ से..................................... इन चीजों में से प्रत्येक के द्वारा किसी व्यक्ति के सीक्रेट्स का आसानी से पता लगाया जा सकता है। ये सभी तथ्य किसी सक्षम निरीक्षक को कुछ बता पाने में विफल हो जाए, यह लगभग अविश्वसनीय है।“
“क्या मूर्खतापूर्ण बात है!” मैं पत्रिका को नीचे मेज पर पटकते हुए बोला, “मैंने ऐसी बकवास अपने पूरे जीवन में कभी नहीं पढ़ी है।“
“ये क्या?” शरलॉक होम्स ने पूछा।
“यह लेख,” मैंने अपनी चम्मच से इशारा करते हुए कहा और नाश्ता करने के लिए बैठ गया। “मैं देख रहा हूँ, तुमने पढ़ने के बाद इसे चिन्हित किया है। मैं इन्कार नहीं कर सकता कि यह चतुराई से लिखा गया है। हालांकि यह मुझे चकित करता है, लेकिन निश्चित ही यह आराम-कुर्सी पर पड़े रहने वाले किसी व्यक्ति की थ्येरी है, जिसने इन सभी विरोधाभासी बातों को अपने एकाकी अध्ययन से विकसित किया है। ये व्यावहारिक नहीं है। मैं चाहूँगा कि इसका लेखक रेल के तीसरे दर्जे के डिब्बे में हो और उससे अपने सभी साथी यात्रियों के व्यवसाय के बारे में पूछा जाए। मैं उसके खिलाफ़ एक हज़ार लगाऊँगा।“
“तुम अपना धन खो दोगे,” शरलॉक होम्स ने शांति से कहा। “वो लेख......................................... .................................................. ....................................... मैंने खुद लिखा था।“
“तुमने!”
“हाँ, मैंने निरीक्षण और उसके आधार पर निष्कर्ष निकालना; ये दोनों काम किए है। सिद्धान्त जो मैंने लेख में व्यक्त किए हैं और जो तुम्हें बकवास लगे है, वास्तव में अत्यंत व्यावहारिक है.......... इतने व्यावहारिक कि अपनी ब्रेड और चीज़ के लिए मैं इन्हीं पर निर्भर हूँ।“
“वैल, मेरा खुद का व्यापार है। मुझे लगता है कि, मैं पूरे विश्व में एक ही हूँ। मैं एक कंसल्टिंग डिटेक्टिव (परामर्शदाता जासूस) हूँ, अगर तुम समझ सको कि ये क्या है। यहाँ लंदन में बहुत से सरकारी जासूस हैं और निजी भी बहुत से है। जब ये साथी कोई गलती कर रहे होते है तो ये मेरे पास आते है, और मैं इन्हें सही राह दिखा देता हूँ। वे लोग सारे साक्ष्य मेरे सामने रख देते है, और सामान्यतः मैं, अपराध के इतिहास के अपने ज्ञान की सहायता से उन्हें सही करने के काबिल होता हूँ। आपराधिक घटनाएँ आपस में किसी परिवार की तरह जुड़ी होती है, और यदि एक हज़ार आपराधिक मामलों की पूरी जानकारी आपकी फिंगर टिप पर है, तो यह मुश्किल है कि आप उन हज़ार और इस नई पहेली को न सुलझा पाएँ। लेस्ट्रेड एक जाना पहचाना जासूस है। हाल ही में उसने एक जालसाजी के मामले में खुद को कन्फ़्यूज पाया, और यही कारण उसे मेरे पास लेकर आया।“
“और वो अन्य लोग?”
“ज़्यादातर वे निजी जांच एजेंसियों द्वारा भेजे जाते है। वे सभी ऐसे लोग हैं, जो किसी कारण से संकट में है और थोड़ा परामर्श चाहते हैं। मैं उनकी कहानी सुनता हूँ, और वे मेरे विचार, और तब मैं अपनी जेब में फीस रख लेता हूँ।“
“लेकिन क्या तुम्हारे कहने का मतलब है, कि तुम अपने कमरे को छोड़े बिना, किसी गुत्थी को सुलझा सकते हो, जिसमें वे लोग भी कुछ नहीं कर पाते है, जिन्होने इसकी पूरी डीटेल को अपनी आँखों से देखा है।
“बहुत बार, तुम कह सकते हो; इस मामले में मेरे पास अन्तर्ज्ञान है। जब कभी कोई अधिक जटिल केस आता है तो मुझे हिलना भी पड़ता है और चीजों को अपनी आँखों से देखना पड़ता है। तुम देख रहे हो, मेरे पास एक विशेष ज्ञान है, जिसे मैं समस्या पर एप्लाई करता हूँ, और वो मेरे लिए उस समस्या को सरल बना देता है। उस लेख में लिखे गए निष्कर्ष निकालने के वे नियम, जिनसे तुम्हें घृणा है, व्यावहारिक काम के दौरान मेरे लिए अनमोल है। मेरे लिए ओब्जर्वेशन एक दूसरी प्रकृति के समान है। तुम चकित लग रहे थे, जब मैंने हमारी पहली मुलाक़ात में ही तुम्हें बताया कि तुम अफ़गानिस्तान से आए हो।“
“तुमने बताया था, इसमें कोई शक नहीं है।“
“कुछ नहीं जानते हुए भी मैं जान गया था, कि तुम अफ़गानिस्तान से आए हो। लंबे अभ्यास और पुरानी आदत के कारण विचारों की एक पूरी श्रृंखला मेरे दिमाग से इतनी तेजी से गुजर गई कि मैं बीच के पदों को जाने बगैर ही मैं इस नतीजे पर पहुँच गया, हालांकि ऐसे कई पद तो मौजूद थे। तार्किकता की श्रृंखला ऐसे शुरू हुई, ‘ये एक मेडिकल टाइप के सज्जन लग रहे है, साथ ही थोड़ा फौजी की तरह भी लग रहे है। साफ तौर पर एक आर्मी डॉ । वे अभी-अभी ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्र से आए है, क्योंकि उनका चेहरा काला है लेकिन ये उनकी त्वचा का प्राकृतिक रंग नहीं है, क्योंकि उनकी कलाइयाँ गोरी है। वह कठिनाई और बीमारी से गुज़रे हैं, उनका थका चेहरा यह बात साफ-साफ कहता है। उनका बायाँ कंधा चोटिल है और वह इसे कड़ा-कड़ा और असामान्य ढंग से रखते हैं। क्या ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्र में अंग्रेज़ फ़ौज का एक डॉ कठिनाई महसूस कर सकता है और अपने कंधे पर चोट खा सकता है? स्पष्ट ही अफ़गानिस्तान में।‘ विचारों के इस पूरे प्रवाह ने एक सेकेण्ड से ज़्यादा समय नहीं लिया। तब मैंने टिप्पणी की, कि तुम अफ़गानिस्तान से आए हो, और तुम चकित थे।“
“यह उतना ही सरल है जितना तुमने समझाया है,” मैंने मुस्कुराते हुए कहा। “तुमने मुझे एडगर एलन पोए के डुपिन की याद दिला दी। मेरा कोई मानना नहीं था कि ऐसे व्यक्ति कहानियों के बाहर भी होते हैं।“
शरलॉक होम्स उठा और उसने अपना सिगार (पाइप) जलाया।
“कुछ नहीं जानते हुए भी मैं जान गया था, कि तुम अफ़गानिस्तान से आए हो। लंबे अभ्यास और पुरानी आदत के कारण विचारों की एक पूरी श्रृंखला मेरे दिमाग से इतनी तेजी से गुजर गई कि मैं बीच के पदों को जाने बगैर ही मैं इस नतीजे पर पहुँच गया, हालांकि ऐसे कई पद तो मौजूद थे। तार्किकता की श्रृंखला ऐसे शुरू हुई, ‘ये एक मेडिकल टाइप के सज्जन लग रहे है, साथ ही थोड़ा फौजी की तरह भी लग रहे है। साफ तौर पर एक आर्मी डॉ । वे अभी-अभी ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्र से आए है, क्योंकि उनका चेहरा काला है लेकिन ये उनकी त्वचा का प्राकृतिक रंग नहीं है, क्योंकि उनकी कलाइयाँ गोरी है। वह कठिनाई और बीमारी से गुज़रे हैं, उनका थका चेहरा यह बात साफ-साफ कहता है। उनका बायाँ कंधा चोटिल है और वह इसे कड़ा-कड़ा और असामान्य ढंग से रखते हैं। क्या ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्र में अंग्रेज़ फ़ौज का एक डॉ कठिनाई महसूस कर सकता है और अपने कंधे पर चोट खा सकता है? स्पष्ट ही अफ़गानिस्तान में।‘ विचारों के इस पूरे प्रवाह ने एक सेकेण्ड से ज़्यादा समय नहीं लिया। तब मैंने टिप्पणी की, कि तुम अफ़गानिस्तान से आए हो, और तुम चकित थे।
 “इसमें कोई संदेह नहीं है, तुम सोचते हो डुपिन से मेरी तुलना करके तुम मेरी प्राशंसा कर रहे हो,” उसने कहा। “मेरे विचार से स्टेटस के मामले में डुपिन औरों से बहुत नीचे था। 15 मिनट की चुप्पी के बाद अपने मित्रों के विचारों को एक सही टिप्पणी से ताड़ने की उसकी कला, वास्तव में, बहुत दिखावटी और सतही है। निःसन्देह उसमें कोई विश्लेषणात्मक प्रतिभा थी, लेकिन जैसी पोए की कल्पना थी, वह वैसा एक असाधारण इंसान नहीं था।“
“क्या तुमने Gaboriau* का काम पढ़ा है?” मैंने पूछा। “क्या Lecoq**, कभी एक जासूस के रूप में तुम्हारे विचारों में आया है?”
शरलॉक होम्स ने उपहासात्मक लहजे में सांस ली। “Lecoq एक दुःखी और अपनी अयोग्यता के कारण गलतियाँ करने वाला इंसान था,” उसने क्रोधित सी आवाज में कहा; “उसकी सिफ़ारिश करने वाली एक ही बात उसमें थी, और वो थी उसकी एनर्जी। उस किताब ने मुझे बहुत असहज बना दिया था। सवाल था कि कैसे एक अज्ञात कैदी की पहचान की जाए। मैं इसे चौबीस घंटों में कर सकता था। Lecoq को इसे करने में छः महीने के आस-पास समय लग गया था। उस किताब को जासूसों के सीखने के लिए एक पाठ्य पुस्तक बना देना चाहिए............... ‘किस चीज से बचना चाहिए’…..।”
मेरे द्वारा जिन दो किरदारों की प्रशंसा की गई थी, उनके प्रति अभिमानपूर्ण रवैये को देखकर मुझे गुस्सा आ गया। मैं खिड़की की और चला गया। “यह साथी बहुत चतुर लगता है,” मैंने खुद से कहा, “लेकिन निश्चित ही वह बहुत अभिमानी है।”
“इन दिनों कोई अपराध और अपराधी नहीं है,” उसने शिकायत करने के अर्थ में कहा। “हमारे पेशे में किसी के पास दिमाग होने का उपयोग (फ़ायदा) क्या है। मैं अच्छी तरह से जानता हूँ, अपने नाम को प्रसिद्ध बनाने के लिए मेरे पास यह है। कोई आदमी ऐसा नहीं है और न ही कभी हुआ है, जिसने अपराध को जानने के लिए अध्ययन और अपने प्रकृतिक कौशल का एक साथ और समुचित उपयोग किया हो, जो मैंने किया है; और परिणाम क्या है? पता लगाने के लिए अपराध ही नहीं है, या, अधिक से अधिक इतने स्पष्ट मोटिव (उद्देश्य) वाले अपराध है, जिन्हें स्कॉटलेण्ड यार्ड का कोई भी अधिकारी जान सकता है।”
बातचीत की उसकी दुराग्रही शैली पर मैं अभी भी नाराज़ था। मैंने सोचा, अब बातचीत का विषय बदलना अच्छा रहेगा।
“मुझे आश्चर्य है, वह साथी क्या ढूंढ रहा है?” मैंने एक मज़बूत शरीर वाले, सादा कपड़े पहने व्यक्ति की ओर इशारा किया जो धीरे-धीरे सड़क की दूसरी तरफ़ चल रहा था, और उत्सुकता से मकानों के नंबर देख रहा था। उसके हाथ में एक बड़ा, नीला लिफ़ाफ़ा था, और ज़ाहिर है कि वह एक संदेश वाहक था।
“तुम्हारा मतलब, मरीन (U.S. Marine अथवा किसी अन्य सेना की मरीन टुकड़ी) का एक सार्जेंट,” शरलॉक होम्स ने कहा।
“खुद की ही बड़ाई!” मैंने सोचा। “वह जानता है कि मैं उसके अनुमान को गलत प्रमाणित नहीं कर सकता।”
अभी तक मैं सोच ही रहा था कि उस आदमी ने वह मकान नंबर हमारे दरवाज़े पर ढूंढ लिया था, और तेज़ी से सड़क के पार भागा। हमने एक तेज़ दस्तक सुनी, एक गहरी आवाज़ और सीढ़ियाँ चढ़ते हुए भारी कदमों की आहट।
“मिस्टर शरलॉक होम्स के लिए,” उसने हमारे कमरे में प्रवेश करते हुए कहा और वो पत्र मेरे मित्र के हाथ में थमा दिया।
यह होम्स के घमंड को दूर करने का मौका था। वह टिप्पणी करते वक़्त, थोड़ा दंभ मुझे उसकी बातों में नज़र आया था। “क्या मैं पूछ सकता हूँ, मेरे मित्र,” मैंने सौम्य आवाज़ में कहा, “आपका धंधा क्या हो सकता है?”
“द्वारपाल, सर,” उसने दो टूक कहा। “यूनिफ़ोर्म रिपेयरिंग को दी हुई है।”
“और तुम थे?” मैंने अपने साथी पर हल्की उपहासात्मक दृष्टि डालते हुए पूछा।
“एक सार्जेंट, सर, रॉयल मरीन लाइट इनफेन्ट्रि, सर। ठीक है सर।”
उसने अपनी एड़ियाँ मिलाईं, हाथ उठाया, सेल्यूट किया और चला गया।
Chapter 3
The Lauriston Garden Mystery (लोरिस्टन गार्डन का रहस्य)

मैं मानता हूँ, अपने साथी के सिद्धांतों की व्यावहारिक रूप से प्रामाणिकता का एक ताज़ा उदाहरण देखकर मैं बहुत चकित था। विश्लेषण करने की उसकी क्षमता के प्रति मेरे सम्मान में उल्लेखनीय रूप से बढ़ोतरी हुई। हालांकि अभी भी मेरे दिमाग में कहीं न कहीं यह संशय था, कि यह पूरा का पूरा घटनाक्रम पहले से ही तय किया गया था, मुझे चौंकाने का एक प्रयास, यद्यपि यह मेरी समझ से परे था कि मुझे प्रभावित करने के लिए उसके पास क्या कारण हो सकता था। जब मैंने उसकी ओर देखा, उसने पत्र पूरा पढ़ लिया था, उसकी आँखों में खालीपन था.... चमक का अभाव, जो यह दर्शा रहा था कि उसका दिमाग कुछ सोच रहा है।
“तुमने अभी यह निष्कर्ष कैसे निकाला?” मैंने पूछा।
“किसका निष्कर्ष?” उसने चिड़ते हुए पूछा।
“यही कि वह मरीन का एक रिटायर्ड सार्जेंट था।“
“मेरे पास इन छोटी बातों के लिए समय नहीं है,” उसने अशिष्टता से कहा; फिर एक मुस्कुराहट के साथ, “मेरी अशिष्टता के लिए माफ करना। तुमने मेरे विचारों की सीरीज़ को तोड़ दिया, लेकिन शायाद यह भी ठीक ही है। तो तुम वाकई देखने में असमर्थ थे कि वह आदमी मरीन्स का एक सार्जेंट था।“
“नहीं, वास्तव में।“
“मैं यह कैसे जान गया, इसे समझाने से आसान तो इसे पता लगाना था। यदि तुम्हें दो और दो बराबर चार, प्रमाणित करने के लिए कहा जाए, तुम्हें थोड़ी कठिनाई होगी, जबकि तुम इसकी सत्यता को लेकर निश्चिंत हो। सड़क के उस पार भी मैं, उस साथी के हाथ के पीछे बना हुआ, नीले रंग का, लंगर का एक टैटू देख सकता था। यह समुद्र की ओर इशारा कर रहा था। उसका पोश्चर मिलिट्री मैन सा था और वैसी ही मूँछें। इस प्रकार मैंने सोचा वह मरीन का एक आदमी हो सकता है। उस व्यक्ति को आत्म-महत्व का थोड़ा बोध था और नियंत्रण का एक निश्चित लहज़ा था। तुम्हें देखना चाहिए था कि उसने अपने सिर को कैसे रखा था और अपनी छड़ी को कैसे हिलाया था। एक शांत, सम्मानजनक, मध्यम आयु का व्यक्ति............................. ... इन सभी तथ्यों ने मुझे यहाँ लाकर छोड़ दिया, अब मैं कह सकता था कि वह एक रिटायर्ड सार्जेंट है।“
“कमाल है,” मैं बोल पड़ा।
“सामान्य हो जाओ,” होम्स ने कहा, हालांकि उसके एक्स्प्रेशन्स से मुझे लगा कि वह मेरे आश्चर्य और स्पष्ट प्रशंसा करने पर खुश था। “मैंने अभी कहा कि कोई अपराधी नहीं है। लगता है मैं गलत हूँ................................ इसे देखो!” सार्जेंट द्वारा लाया गया पत्र उसने मेरी ओर फेंका।
“क्यों,” मैंने अपनी आँखें पत्र पर डालते हुए कहा, “यह तो भयानक है।”
“इसका मुद्दा सामान्य से कुछ अलग ही लगता है,” उसने टिप्पणी की। “क्या मेरे लिए तुम इसे ज़ोर से पढ़ सकते हो?”
यह वह पत्र है जो मैंने उसके लिए पढ़ा..................................


“मेरे प्रिय मिस्टर शरलॉक होम्स...................... रात को ब्रिंक्सटन रोड पर 3, लोरिस्टन गार्डन में एक बुरी घटना घटित हुई। गश्त पर हमारे आदमी ने सुबह के लगभग दो बजे वहाँ प्रकाश देखा, और क्योंकि वह घर खाली था, उसे लगा कि ज़रूर कुछ गलत है। उसने दरवाजा खुला पाया, और आगे के फ़र्नीचर विहीन कमरे में एक सज्जन की लाश पाई, अच्छे कपड़े पहने हुए और उसकी जेब में कार्ड थे जिन पर, ‘एनोह जे. ड्रेबर, क्लीवलेंड, ओहियो, U.S.A.’ लिखा था। वहाँ कोई चोरी नहीं हुई थी और न ही वहाँ कोई सुराग था कि वह आदमी कैसे मारा गया। कमरे में खून के धब्बे है लेकिन उस आदमी के शरीर पर कोई घाव नहीं है। हम पूरी तरह से कनफ्यूज़ हैं कि कैसे वह व्यक्ति उस खाली घर में आया; वास्तव में यह पूरा घटनाक्रम एक पहेली है। यदि तुम बारह बजे से पहले कभी भी उस घर की तरफ़ आ सको तो मुझे वहीं पाओगे। मैंने हर चीज को उसकी हालत में ही छोड़ा है, जब तक कि आप नहीं आते हैं। यदि आप आने में असमर्थ हैं तो पूरी जानकारी मैं आपको दूंगा, और यदि आप अपनी राय मुझे देंगे तो यह बड़ी मेहरबानी होगी।
भवदीय....टोबीस ग्रेगसन।”
“ग्रेगसन स्कॉटलेंड यार्ड वालों में सबसे ज़्यादा होशियार है,” मेरे मित्र ने कहा; वह और लेस्ट्रेड दोनों ही बहुत अच्छे है पर मुजरिमों के लिए बुरे। वे दोनों तेज़ और ऊर्जावान है पर एक बुरी बात भी है। वे एक-दूसरे के विरोधी भी हैं। वे एक-दूसरे से इस कदर ईर्ष्या करते है जैसे कि दो पेशेवर हसीनाएँ आपस में करती हैं। यदि इस केस में दोनों को साथ काम करना पड़ा तो बहुत कुछ मज़ेदार होगा।“
जिस शांत तरीके से उसने ये सब कहा मैं चकित था। “इस समय निश्चित ही हमारे पास व्यर्थ गवाने के लिए एक पल भी नहीं है,” मैंने कहा, “क्या मैं जाकर तुम्हारे लिए एक बग्घी लाऊं?”
“मैं पक्का नहीं हूँ कि क्या मैं जाऊंगा। मैं ऐसा आलसी हूँ जो कभी ठीक नहीं हो सकता।“
“क्यों, यह तो एक ऐसा अवसर है जिसके लिए तुम तरस रहे थे।“
“मेरे प्रिय साथी, इससे मुझे क्या फ़र्क पड़ता है। मान लो कि मैं पूरा मामला सुलझा देता हूँ, तो तुम्हें भी पता है कि ग्रेगसन, लेस्ट्रेड और उनके साथी सारा श्रेय ले उड़ेंगे। यहाँ बात आती है एक अनौपचारिक पात्र होने की।“
“लेकिन वह तुमसे मदद मांग रहा है।“
“हाँ, वह जानता है कि मैं उससे बेहतर हूँ, और मेरे सामने वह यह मानता भी है; लेकिन किसी तीसरे के सामने बोलने से पहले वह अपनी जीभ कटवाना पसंद करेगा। हालांकि, हमें चलकर एक नज़र देख लेना चाहिए। मैं इसे खुद पूरी आज़ादी और अपनी ज़िम्मेदारी पर करूंगा। यदि मेरे पास कुछ और नहीं हुआ तो मैं उन पर हँस तो सकता ही हूँ। चलो!”
उसने अपना ओवरकोट खींचकर पहना, इतने एनर्जेटिक तरीके से कि ऐसा लगा, जैसे एक उदासीन व्यक्ति की जगह एनर्जी ने ले ली है।
“अपनी हैट पहन लो,” उसने कहा।
“तुम चाहते हो कि मैं चलूँ?”
“हाँ, यदि तुम्हारे पास करने के लिए कुछ अच्छा नहीं है।“ एक मिनट बाद हम एक बग्घी में थे, जो ब्रिंक्सटन रोड कि ओर जा रही थी।
यह कोहरे से ढकी और बादलों वाली सुबह थी, और एक धुंधले काले रंग का पर्दा घरों की छतों पर छाया था, जो कि नीचे की धुंधली सड़क का एक प्रतिबिंब लग रहा था। मेरा साथी अच्छे मूड में था तथा वोयलीन और इससे मिलते-जुलते अन्य वाद्ययंत्रों के बारे में बच्चों जैसे बातें कर रहा था। मेरी बात करें तो मैं चुप था, खराब मौसम और दुःखद घटना जिस पर हम काम कर रहे थे, ने मेरे मूड को खराब कर दिया।



  मौत के बीज
सितम्बर के महीने का अंत चल रहा था| पूरे दिन काफी तेज़ हवा चलती रही| इसके साथ ही बारिश कि फुहार सी पड़ रही थी| लन्दन के बीचों-बीच बैठे हम लोग रोजाना कि जिंदगी से अलग विचार करने व पहचानने के लिए मजबूर हो गए थे|
मनुष्य कि सभ्यताओं में मोजूद महान तात्विक बल चिंघाड़ रहा था| शाम होते-होते तूफ़ान बढ़ गया| चिमनी से आती हवा किसी बच्चे कि तरह शोर मचा रही थी| होम्स आग के पास बैठा अपने आपराधिक अभिलेखों को सूचीबद्ध कर रहा था, जबकि मैं दूसरे सिरे पर बैठा क्लार्क रसेल कि सामुद्रिक कथाओं में डूबा हुआ था| मेरी पत्नी मायके गई थी| इसलिए मैं कुछ दिनों के लिए बेकार स्ट्रीट के अपने पुराने मकान में आ गया था|
"क्यों-|" अपने दोस्त की तरफ देखकर मैंने पूछा-"घंटी बजी थी न? आज रात के समय कौन आ सकता है? मुझे तो लगता है तुम्हारा कोई दोस्त ही होगा, वरना इतनी रात में-|"
"मेरा तुम्हारे अलावा कोई और दोस्त नहीं है|" उसने जवाब दिया-"मैं मेहमानों को ज्यादा नहीं बुलाता|"
"फिर कोई क्लायंट?"
"यदि ऐसा है तो मामला गंभीर होगा| कोई छोटी बात तो इस समय किसी आदमी को बाहर नहीं ला सकती| लेकिन मुझे लगता है की यह मकान मालकिन ही होगी|"
होम्स का अंदाजा गलत था| गलियारे में किसी के चलने की आवाज़ सुनाई पड़ी, फिर दरवाज़ा खटखटाया गया| उसने अपनी लम्बी बांह फैलाई तथा लैम्प को खुद से परे हटाते हुए एक खाली कुर्सी पर रख दिया, जिस पर आने वाला बैठता| "अन्दर आ जाओ|" उसने कहा|
आने वाला आदमी जवान था, उसकी उम्र बाईस साल की थी| उसने चुस्त वस्त्र पहने हुए थे जो आकर्षक लग रहे थे| उसके हाथ में थमा टपकता छाता और उसकी लम्बी चमकदार बरसाती भयानक मौसम के बारे में बता रहे थे| जिसमे से होकर वह आया था|
उसने लैम्प की रौशनी में चिंतित भाव से चारों तरफ देखा| मैंने ध्यान दिया की उसका चेहरा पीला था, और उसकी आँखें चिंता से बोझिल हो रही थी, वह कुछ भयभीत था|

"मैं आपसे माफ़ी मांगना चाहता हूँ|" उसने आँखों पर लगा सुनहरी चश्मा ठीक करते हुए बताया-"मेरा यकीन है की मैं हस्तक्षेप नहीं कर रहा| मुझे डर है कि मैं तूफ़ान और बरसात के कुछ चिन्ह आपके कमरे में ले आया हूँ|"
"मुझे बरसाती तथा छाता दो|" होम्स ने कहा-"वह यहाँ हुक पर टंगे रहेंगे और अभी सूख जायेंगे| मेरा अनुमान है की तुम दक्षिण-पश्चिम से यहाँ आये हो|"
"हाँ, हाशमि से|" उसने बताया|
"तुम्हारे जूतों की नोक पर लगा मिटटी तथा खड़िया का बुरादा इस बात का सबूत है|"
"मैं आपसे कुछ मामले में सलाह लेने आया हूँ, उम्मीद है आप मुझे निराश नहीं करेंगे|"
"वो तुम्हे अवश्य मिलेगी|"
"और मदद?"
"यह प्राप्त करना हमेशा आसन नहीं है|" शरलॉक होम्स ने कहा-"मदद भी किसी-किसी को मिलती है|"
"मैंने आपके बारे में सुना था, श्री होम्स! मैंने मेज़र पैंडरगास्ट से सुना था कि कैसे आपने उसे टैंकरविले क्लब काण्ड से बचाया था|"
"हाँ जरूर| उस पर पत्तों की धोखाधड़ी का मिथ्या आरोप था|" वह सोचकर बोला|
"वह कहता था कि आप कुछ भी सुलझा सकते हैं मिस्टर होम्स-|" उस आने वाले व्यक्ति ने कहा|
"उसने कुछ ज्यादा ही कह दिया|"
"आप कभी असफल भी नहीं होते|" वह बोला-"जो काम अपने हाथ में लेते हैं पूरा करते हैं|"
"मैं चार बार नाकामयाब हो चुका हूँ, तीन बार व्यक्तियों द्वारा और एक बार स्त्री द्वारा|"
"लेकिन यह सब आपकी सफलताओं के सामने क्या मायने रखता है!" उस व्यक्ति ने प्रशंसा की|
"यह सच है की साधारणतः मैं कामयाब ही होता हूँ|" मिस्टर होम्स के होठों पर मुस्कराहट थी|

"फिर तो आप मेरे मामले में भी हो सकते हैं|" उसने कहा-"आप केस हाथ में लेकर देखिये|"
"तुम अपनी कुर्सी आग के पास खींच लो, और विस्तार से अपना मामला समझा दो|"
"मिस्टर होम्स-! यह मामला कोई साधारण मामला नहीं है|" उसके चेहरे पर उलझन के भाव थे|
"मेरे पास केस जब आता है तो तभी आता है जब वह अपने अंत पर पहुँच जाता है|"
"फिर भी मिस्टर होम्स! में आपसे पूछना चाहूंगा कि अपने अनुभव में अभी रहस्यमय और अनसुलझी घटनाओं की ऐसी श्रंखला के विषय में सुना है, जैसी मेरे परिवार में घटित हुई?"
"तुमने मुझे केस के प्रति उत्सुकता जगा दी|" होम्स ने कहा-"मुझे शुरू से पूरी बात बताओ|"

उस आदमी ने अपनी कुर्सी थोडा आगे की और खींची और अपने गीले पैर आग की तरफ बढ़ा दिए|
उसने बताया-“मेरा नाम जॉन ओपेन शॉ है, मगर मेरे केस का जैसा में जानता हूँ इन विचित्र बातों से थोडा ही सरोकार है| यह एक आनुवंशिक मामला है, इसलिए इसकी झलक देने के लिए में शुरू करता हूँ|"
"मेरे दादा के दो बेटे थे-एक मेरे चाचा एलियस और दूसरे, मेरे पिता जोसेफ| मेरे पिता का कावेंट्री में छोटा-सा कारखाना था| जिसे उन्होंने साईकिल के आविष्कार के समय बढ़ा लिया था| वह ओपेन शॉ के न टूटने वाले टायरों के मालिक थे| उनका कारोबार इतना कामयाब रहा कि इसे बेचकर इससे मिलने वाली धनराशी में आराम से अपना जीवन बिताने लगे|"
"मेरे चाचा जब जवान थे, तो अमेरिका जाकर रहने लगे थे और फ्लोरिडा में पौधों का कार्य करते थे| उनका कारोबार बढ़िया चल रहा था| युद्ध के समय वह जैक्सन सेना में थे और बाद में हुड में, जहाँ वह कर्नल हो चुके थे| जिस समय ली ने समर्पण किया, मेरे चाचा फिर पोधों का कारोबार सँभालने लगे| तीन-चार साल वहीँ रहे|

सन १८६९ अथवा ७० के आस-पास वे यूरोप वापस लौटे और ससेक्स में हाशमि के निकट एक छोटी भूमि खरीद ली| वह अमेरिका में काफी जायदाद अर्जित कर चुके थे और वहां से लौटने की वजह उनकी काले लोगों के प्रति अरुचि और संघीय नीति के के प्रति नाराज़गी थी| वह एकाकी, सरवने, गुस्से में भद्दी बातें करने लग जाते थे|

वह जितने साल हाशमि में रहे, उन्होंने कभी कस्बे में पांव नहीं रखा| उनके घर के आस-पास एक बगीचा और दो-तीन खेत थे| वहां लोग कसरत करते थे| महीनों वह अपना कमरा नहीं छोड़ते थे| ब्रांडी कुछ ज्यादा ही पीते थे| समाज से भी दूर-दूर रहा करते थे| न उनका कोई दोस्त था, न ही किसी को वे पसंद करते थे, यहां तक कि अपने भाई को भी नहीं|
बस वह मुझे ही पसंद करते थे| तब से उन्होंने मुझे देखा बहुत प्यार करने लगे थे| उस समय मैं बारह साल का था| यह १८७८ की बात है| इसके बाद वह आठ-नौ साल इंग्लैण्ड में रहे| मेरे पिता से कहने के बाद उन्होंने मुझे अपने साथ ही रख लिया था|

वह मुझसे बहुत अच्छा व्यवहार करते थे| कभी-कभी खुश होकर मेरे साथ खेलते भी थे| अपने नौकरों और कारोबारी लोगों के सामने वह मुझे अपने प्रतिनिधि के रूप में पेश करते थे| सोलह साल की उम्र में मैं घर का पूरा मालिक बन चूका था|

घर की सारी चाबियां मेरे पास ही होती थी| मुझे हर जगह जाने, कुछ भी करने का पूरा अधिकार था| उनके अधिकार में सिर्फ अटारी वाला कमरा ही रहता था| उस कमरे में हमेशा ताला लगा रहता था| इसके अन्दर जाने की किसी को इजाजत नहीं थी| मुझे भी नहीं| एक दिन चाबी के छेद से मैंने उसके अन्दर झांका तो उसमें पुराने बक्से और गठरियां ही थी|
यह सन १८८३ की बात है| मेज़ पर एक लिफाफा रखा था, जिस पर विदेशी मुहर लगी थी| ख़त प्राप्त करना उनके लिए सरल कार्य नहीं था, क्योंकि उनके सारे बिल नकद अदा हते थे| उनका कोई दोस्त भी नहीं था|

भारत से| वह उस लिफाफे को उठाकर बोले-पांडिचेरी का डाक टिकट लगा है| यह क्या हो सकता है?

उन्होंने उस लिफ़ाफ़े को जल्दी से खोला, तो पांच बीज निकलकर उनकी तस्तरी में गिर गए| यह देखते ही मुझे हंसी आ गई| लेकिन उनका चेहरा देखते ही मेरी हंसी गायब हो गई| उनकी आँखें बहार को आ गई थी और होंठ लटका हुआ था| चेहरा पीला पड़ चुका था| वह अपने कांपते हाथों से लिफ़ाफ़े को देख रहे थे| 'के...के...के' वह चिल्लाए और फिर देखते ही देखते उनके हाथ पैर ठन्डे होने लगे थे|

"क्या बात है चाचा-!" मैं भयभीत स्वर में चिल्लाया-"मुझे बताओ तुम्हे क्या हुआ है?"

"मृत्यु-|" उन्होंने कहा और मुझे डर से काँपता हुआ देखकर वह उठे और अपने कमरे की और चल दिए|

उनके जाने के बाद मैंने लिफाफा उठाया, और अन्दर की तरफ गोंद के ठीक ऊपर लाल प्रतीक देखा| उसके ऊपर तीन बार 'के' लिखा हुआ था| उसमे पांच सूखे बीजों के अलावा कुछ नहीं था|
इस डर की क्या वजह हो सकती थी, मैं डर के मरे नाश्ता छोड़कर उठ गया और जैसे ही सीढ़ियों पर चढ़ा, मैंने चाचा को जंग लगी चाबी लेकर नीचे आते हुए देखा| वो चाबी शायद अटारी की थी| उनके एक हाथ में चाबी थी, और दुसरे में पीतल का बक्सा| वह बक्सा कुछ इस प्रकार का बना था जैसे पुराने लोग पैसा रखने का बनाते हैं|

"वह जो चाहे कर लें, लेकिन मैं उन्हें सफल नहीं होने दूंगा|" उन्होंने प्रतिज्ञा करते हुए कहा-"मैरी से कहो कि मेरे कमरे में आग जला दे, और हाशमि के वकील फार्देम को बुला लाये|"
जैसा उन्होंने कहा, मैंने वैसा ही किया|

जिस समय वकील पहुंचा, मुझे कमरे में बुलाया गया| आग तेजी से जल रही थी और आगदान में जले कागज जैसी काली, फूली हुई राख का ढेर पड़ा हुआ था| मेरी नज़र जैसे ही उस पीतल के बक्से पर पड़ी, उस पर 'के' लिखा हुआ था| जैसा कि मैंने लिफ़ाफ़े के ऊपर देखा था|

मेरे चाचा बोले-"मैं चाहता हूँ जॉन कि तुम मेरी वसीयत के साक्षी बनो, मैं अपनी सारी जायदाद तुम्हारे पिता के नाम छोड़ता हूँ, जो बाद में तुम्हे मिलेगी| अगर तुम इसका अच्छा इस्तेमाल करो तो| बहुत अच्छी बात होगी| अगर तुम्हे लगे कि तुम इसका लाभ नहीं उठा सकते तो तुम इसे अपने घोर शत्रु के लिए छोड़ देना| मैं शर्मिंदा हूँ कि मैं तुम्हें ऐसी दोधारी वास्तु दे रहा हूँ, लेकिन मैं तुम्हें नहीं बता सकता कि अगला मोड़ कौन-सा हो सकता है, इसलिए जहाँ वकील साहब कहते हैं हस्ताक्षर कर दो|"

"मैंने हस्ताक्षर कर दिए, उसके बाद वो कागज वकील अपने साथ ले गया| इस घटना का मुझ पर काफी प्रभाव पड़ा, मैंने काफी सोच-विचार किया, हर तरीके से अपना दिमाग चलाया, लेकिन कोई फायदा नहीं| मेरे दिल में जो डर बैठ गया था वो निकल नहीं पाया|
कुछ सप्ताह बाद मैं थोड़ा संभल गया, और हमारे जीवन में बाधा डालने वाली भी कोई बात नहीं थी, लेकिन मैं अपने चाचा में कुछ परिवर्तन देख रहा था| अब वह काफी शराब पीने लगे थे| समाज से बिलकुल अलग हो चुके थे| उनका ज्यादातर वक्त उनके कमरे में गुजरता|
उनके कमरे का दरवाजा हमेशा अन्दर से बंद रहता था| जब भी वह बहार होते थे तो गुस्से और नशे की हालत में होते थे| उनके हाथ में एक रिवाल्वर होता, जिससे वह हमेशा गोलियां बरसाते थे और चिल्लाते थे कि उन्हें किसी से डर नहीं लगता है| जब उनका यह गुस्सा ख़त्म हो जाता तो वह अपने कमरे में घुस जाते थे और अपने पीछे ताला लगाकर इसे बंद कर लेते| उसी तरह जैसे वह किसी से डरते हों|
उस समय जब मैं उनका चेहरा देखता था तो सर्दियां होने के बावजूद भी उनके चेहरे पर पसीना होता था|

मिस्टर होम्स! अब मैं केस के आखिर में आते हुए बताता हूँ कि एक रात अचानक उन्हें फिर वही गुस्से और नशे के दौरे पड़े| जिनसे वे कभी वापस नहीं आए| जब हमने उन्हें तलाश किया तो वह तालाब में औंधे मुंह पड़े हुए थे| पानी दो फुट गहरा था| चोट का भी कहीं कोई निशान नहीं था|

सभी लोगों ने उसे आत्महत्या मान लिया| लेकिन मैं जानता था कि वह मौत से कितना डरते थे| मैं खुद इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हूँ| कुछ दिन बाद मामला ठंडा हो गया| इसके बाद मेरे पिता ने जायदाद और चौदह हज़ार पौंड जो बैंक में थे अपने अधिकार में ले लिए|"
"एक पल रुको|" होम्स ने हस्तक्षेप किया-"मैं देखता हूँ कि तुम्हारा वक्तव्य अद्वितीय है, ऐसा मैंने आज तक नहीं सुना| तुम्हारे चाचा द्वारा ख़त को हासिल करना व आत्महत्या तारीख मुझे दो|"
"ख़त दस मार्च, सन १८८३ को मिला था| फिर उनकी मृत्यु १० सप्ताह बाद २ मई को हुई|"

"थैंक्यू-| आगे बताओ|"

"जब मेरे पिता ने सारी जायदाद अपने अधिकार में ले ली तो मेरे कहने पर उन्होंने अटारी वाले कमरे का जायजा लिया| हमने वहां पीतल का बक्सा देखा| उसमे रखा सामान नष्ट कर दिया गया था| इसके कवर में एक पर्ची चिपकी हुई थी| जिस पर 'के के' लिखा था| इसके नीचे 'पत्र' मेमो, रसीदें व एक पुस्तिका लिखा था|

हमने सोचा कि यह उन कागजों के विषय में था जो चाचा ने नष्ट कर दिए| और अटारी में कुछ ख़ास सामान नहीं था सिवाय किताबों और कागजों के| इन कागजों में मेरे चाचा ने अमेरिका के बारे में लिखा था| उनमें कुछ युद्ध के समय के थे| जिससे पता चलता था कि उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन अच्छी तरह किया था|

इसी के साथ उन्होंने एक बहादुर सिपाही होने की प्रतिष्ठा भी लूटी थी| दूसरे दक्षिणी प्रान्तों में पुनर्निर्माण के समय के थे, और ज्यादातर राजनीति से ताल्लुक रखते थे| क्योंकि उन्होंने उत्तर से आए राजनीतिज्ञों के विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया था|

सन १८८४ की घटना है, जब मेरे पिता हाशमि में बसने आये थे और जनवरी, १८८५ तक सब कुछ जितना अच्छा चल सकता था चला| नववर्ष के चौथे दिन जब हम नाश्ते की टेबल पर बैठे हुए थे| मैंने अपने पिता को हैरानी से तेज़ लहजे में चिल्लाते हुए देखा| वह वहां बैठे थे, और उनके एक हाथ में अभी खोला गया एक लिफाफा था और दूसरे हाथ की हथेली में संतरे के पांच बीज सूखे हुए थे| वह कर्नल के विषय में हमेशा मेरी कहानी पर हंसते थे|
लेकिन अब जब वही बात उनके साथ गुजरी थी तो वह बुरी तरह भयभीत हो गए थे|
"क्यों जॉन, इस बात का क्या मतलब होता है?" मेरे पिता ने हडबडाकर मुझसे पूछा|
"मेरा दिल डूबा जा रहा था| यह 'के...के...के' हैं|" मैंने कांपती आवाज़ में उन्हें बताया|
उन्होंने लिफाफे के अन्दर झांका|

"ऐसा ही है|" वह जोर से चिल्लाये-"यह अल्फाज हैं, पर यह इनके ऊपर क्या लिखा है?"
"कागज सूर्य घड़ी पर रख दो|" मैंने उनके कंधे के ऊपर से झांकते हुए उस कागज को पढ़ा|
"कौन-से कागज-? कौन-सी सूर्य घड़ी की बात कर रहे हो?" उन्होंने उलझनभरे स्वर में पूछा|
"बगीचे वाली सूर्य घडी| और कोई दूसरी है ही नहीं|" मैंने बताया-"लेकिन कागज वह हैं जो नष्ट हो चुके हैं|"
"हूँ|" उन्होंने अपनी हिम्मत को बटोरते हुए कहा-"हम यहां एक सभ्य क्षेत्र में हैं, और इस तरह की बेवकूफी हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकते| यह लिफाफा कहां से आया है?"
"डूंडी से आया है|" मैंने लिफ़ाफ़े के डाक चिन्ह को अच्छी तरह देखा और उन्हें बता दिया|
"यह एक बड़ा ही भद्दा मजाक है|" उन्होंने गुस्से में कहा-"मुझे सूर्य घड़ी और कागजों का क्या करना है? मैं इस तरह की बेहूदा और बेकार बातों पर हरगिज़ ध्यान नहीं दूंगा|"
"मुझे इस बारे में निश्चित तौर पर पुलिस को सब-कुछ बता देना चाहिए|" मैंने कहा|
"और मेरे दुःख पर हंसना चाहिए| ऐसा कुछ नहीं करना है|" उन्होंने गुस्से से भरे लहजे में कहा|
"मुझे करने दो|"
"नहीं, जब मैंने तुम्हे मना कर दिया| मैं इस प्रकार की बेहूदगी का तमाशा नहीं लगाना चाहता हूं|"
उनसे बहस करना बेकार था, क्योंकि वह बड़े अड़ियल आदमी थे| मैं अपने मन में आवेश लेकर चला गया|

इस ख़त के मिलने के तीन दिन बाद मेरे पिता अपने दोस्त मेजर फ्रीबांडी से मिलने के लिए गए| जो पोर्टसडाऊन की पहाड़ी पर स्थित किलों में से एक के प्रभारी है| मैं बहुत खुश था, क्योंकि मुझे लगा कि जब वह घर से बहार होंगे तो हर खतरे से बचे रहेंगे|
लेकिन ऐसा सोचना मेरी भूल थी| उनकी गैरहाजिरी के दूसरे दिन मुझे मेजर द्वारा भेजा गया तार मिला| उसने मुझे फ़ौरन बुलाया था| मेरे पिता पड़ौस के खुले पड़े खड़िया के गड्ढे में गिर गए थे और अचेत थे| उनका सर फट चुका था| मैं वहां फ़ौरन पहुंचा लेकिन तब तक वह मर चुके थे|
ऐसा लगता है जैसे वह गोधूली में फारेहैम से लौट रहे थे, चूंकि गांव से अनजान थे और खड़िया के गड्ढे खुले हुए थे| मारने वाले ने उन्हें इसमें गिराकर दुर्घटना घोषित कर दिया| उनकी मौत से जुड़े प्रत्येक तथ्य का मैंने बारीकी से निरीक्षण किया है, लेकिन ऐसा कोई सबूत हाथ नहीं लगा, जिससे हत्या घोषित किया जा सके|
उनके शरीर पर कहीं कोई चोट का निशान नहीं था| कोई लूटमार नहीं की, उस मार्ग पर किसी अजनबी के आने-जाने के निशान भी नहीं थे| आप खुद समझ सकते हैं कि उस समय मेरी क्या हालत होगी| मैं पूरी तरह से निश्चित था कि उनके चारों तरफ कोई जाल बुना गया है|"
"इस प्रकार मैं उत्तराधिकारी बना| आप जानना चाहेंगे कि मैंने इससे छुटकारा क्यों नहीं पाया| मेरा जवाब यही है कि मुझे अच्छी तरह यकीन था कि हमारे कष्ट चाचा की जिन्दगी की किसी घटना पर निर्भर थे-और खतरा एक घर में भी उतना ही होगा जितना दुसरे घर में|

यह जनवरी, १८८५ की बात है कि बेचारे मेरे पिता ख़त्म हो चुके थे-और तब से दो साल आठ महीने बीत चुके हैं| इस दौरान से ख़ुशी-ख़ुशी हाशिम में रह रहा हूँ| अब मैंने उम्मीद करना शुरू कर दिया था कि मेरे परिवार के ऊपर से ये श्राप हट चुका है|
मैं सोच रहा था कि पिछली पीढी के साथ ही उसका खात्मा हो चूका था| मैं इसलिए सुखपूर्वक दिन गुजार रहा था, लेकिन कल सुबह उसी के मुताबिक उसी प्रकार का धक्का लगा, जैसा मेरे पिता के साथ हुआ था और जैसा मेरे चाचा के साथ हुआ था|"
नौजवान ने अपनी जेब से एक मुड़ा हुआ लिफाफा निकला और उसे मेज की तरफ मुड़कर उसमें से संतरे के पांच सूखे हुए बीज निकालकर होम्स को दिखाए|
"यह लिफाफा है|" उसने कहा-"डाकचिन्ह लन्दन का है| पूर्वी प्रभाग| अन्दर वही शब्द लिखे हैं जो मेरे पिता के अंतिम सन्देश में लिखे थे|
'के...के...के' और 'फिर कागज सूर्य घडी के ऊपर रख दो'|"
"तुमने क्या किया?" होम्स ने पूछा|
"कुछ भी तो नहीं|"
"कुछ नहीं किया?"
"सच बताऊँ|" उसने कहा|
"हाँ|"
उसने अपना चेहरा अपने दोनों हाथों में छिपा लिया और फिर हिम्मत करके बोला-
"मैं अपने आपको बिल्कुल असहाय महसूस कर रहा हूं, मैं अपने आपको उन खरगोशों की तरह समझ रहा हूं जिनकी तरफ सांप बढ़ रहा होता है| मैं किसी विरोधहीन बला की पकड़ में आ गया हूं जिससे कोई पूर्वदर्शिता, कोई सावधानी रक्षा ना कर सके|"

"च! च!" शरलॉक होम्स चिल्लाया-"तुम्हें कुछ करना चाहिए लड़के, नहीं तो तुम गए| उर्जा के अलावा तुम्हें कोई नहीं बचा सकता| यह समय निराशा का नहीं है|"
"मैं पुलिस के पास भी गया था मिस्टर होम्स! मगर वहां जाकर कोई फायदा नहीं हुआ|"
"अच्छा!"
"वह लोग मेरी कहानी सुनकर मुस्कुरा रहे थे| मुझे यकीन है कि इंस्पेक्टर के विचार में सारे ख़त किसी के द्वारा किया गया मजाक है और मेरे परिवार वालों की मौत दुर्घटनावश थी, जैसा कि निर्णायक मंडल ने कहा था और चेतावनियों से उसका कोई ताल्लुक नहीं है|"
होम्स ने अपनी मुट्ठी बंधे हाथ हवा में लहराए-"अविश्वाशी मूर्खता|" वह जोर से चिल्लाया|
"फिर भी उन्होंने मेरे साथ घर में रुकने के लिए एक पुलिस वाला लगा दिया है|"
"वह आज रात तुम्हारे साथ आया है यहां पर?" होम्स के चेहरे पर सोच की परछाइयां थीं|
"नहीं| उसे घर में रुकने के आदेश दिए गये थे, इसलिए मैं अकेला ही यहां आया हूं|" उसने बताया|
होम्स ने गौर से हवा में देखा|
"तुम मेरे पास क्यों आये हो?" उसने कहा-"और सबसे बड़ी बात यह है कि तुम तुरंत मेरे पास क्यों नहीं आये?"
"मुझे आपके बारे में पता नहीं था|" उसने बताया-"इसलिए मैं आप तक नहीं पहुंच सका|"
"अब किसने बताया?"
"आज ही मैंने मेजर पैंडरगास्ट से अपने दुःख के बारे में बात की तो उन्होंने मुझे आपके पास भेज दिया|"
"तुम्हें ख़त मिले दो दिन हो चुके हैं| हमने इस पर पहले काम किया होता| मेरे विचार में आगे तुम्हारे पास इसके अलावा कोई प्रमाण नहीं है, जो तुमने हमें सुनाया-कोई सहायक ब्यौरा नहीं, जिसकी वजह से हमें मदद मिल सके?"

"एक बात है" जॉन ओपेन शॉ बोला| उसने अपने कोट की जेब से एक नीले रंग का धुंधला-सा कागज बाहर खींचा और उसे मेज पर बिछा दिया-"मुझे याद है|" उसने कहा-"उस दिन जब मेरे चाचा ने कागज जलाए थे, मैंने देखा कि बिना जले छोटे किनारे, जो राख में पड़े थे, इस रंग के थे| यह एकमात्र कागज मुझे उनके कमरे के फर्श पर मिला था|
मैं सोचता हूं कि यह संभवतः उनमे से एक कागज हो सकता है, जो उनमे से उड़ गया होगा और इस तरह नष्ट होने से बच गया| मैं देख रहा हूं कि बीजों के अलावा और कुछ सहायक नहीं है| मेरे ख्याल से यह किसी निजी डायरी का पृष्ठ है और निस्संदेह इस पर मेरे चाचा का लेख है|"

होम्स ने लैम्प सरकाया और हम दोनों कागज पर झुक गए| इसकी उधड़ी किनारी बता रही थी की इसे किसी किताब से फाड़ा गया है, ऊपर इसके मार्च, 1869 लिखा था और नीचे यह उलझनपूर्ण विवरण-
"4 को, हडसन आया| वही पुराना मंच|"
"7 को, मैक्कॉले, पैरोमोर और सेंट ऑगस्टिन जॉन स्वेन को बीज भेजे गए हैं|"
"9 को, मैक्कॉले हट गया|"
"10 को, जॉन स्वेन हट गया|"
"12 को, पैरोमोर से मिले, सब बढ़िया|"
"धन्यवाद|" कागज को मोड़कर हमारे अतिथि को लौटते हुए होम्स ने कहा- "अब तुम्हे किसी भी वजह से एक भी पल नहीं गवाना चाहिए| जो कुछ भी अभी तुमने हमें सुनाया, हमारे पास इसके बारे में बात करने का भी वक्त नहीं| तुम फ़ौरन घर पहुंचो और काम करो|"
"मुझे क्या करना होगा?"
"एक काम है जो तुम्हे फ़ौरन करना पड़ेगा|"
"बताइये|"
"तुम इस कागज को उसी पीतल के बक्से में रख दो, जिसके बारे में तुमने हमें बताया| इसमें यह भी लिखकर रखना की अन्य कागज तुम्हारे चाचा द्वारा जला दी गए थे| यह अंतिम कागज है| तुम सहमत होगे की इससे उन्हें यकीन हो जाएगा|"
"इतना काम करने के बाद फ़ौरन सूर्य घडी पर निर्देश के मुताबिक रख देना| समझ गए?"
"जी हां| समझ गया|"

"अभी बदला लेने या इस तरह की बातें मत सोचो| मेरे ख्याल से वह हम क़ानून के द्वारा भी ले सकते हैं| मगर अभी हमें अपना जाल बुनना है जबकि उनका पहले ही बुना हुआ है| पहला काम तुम्हारे ऊपर से खतरा हटाना है| दूसरा काम है इस राज को सबके सामने प्रकट करना, और गुनहगारों को उनके किए के सजा दिलवाना|"
"मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूं|" उस नौजवान ने अपना ओवरकोट पहनते हुए कहा- "आपने मुझे एक नै जिन्दगी और उम्मीद दे है, मैं वैसा ही करूंगा जैसा आपने कहा है|"
"एक पल भी मत गवाना, और सबसे बड़ी बात तो यह है कि अपना पूरी तरह ख्याल रखना, क्योंकि मैं नहीं सोचता कि इस बात में कोई संदेह है कि तुम एक वास्तविक और तत्काल खतरे में हो| तुम यहां से हिफाजत के साथ घर कैसे जाओगे?"
"वाटरलू से ट्रेन के जारी|"
"अभी नौ नहीं बजे हैं| सड़कों पर भीड़-भाड़ होगी, मैं सोचता हूं कि तुम सुरक्षित रहोगे, लेकिन फिर भी तुम अपनी उतनी हिफाजत नहीं कर सकते हो जितनी मैं सोच रहा हूं|"
"मेरे पास हथियार हैं|" उस नौजवान ने कहा-"आप मेरी चिंता न कीजिए|"
"अच्छी बात है, अब तुम घर के लिए निकलो, कल मैं तुम्हारे मामले पर ही काम करूंगा|"
"तो फिर कल हाशमि में मुलाकात होगी|"
"नहीं मैं हाशमि नहीं आऊंगा|" होम्स ने कहा- "तुम्हारा रहस्य लन्दन में है, मैं यहीं खोजूंगा|"
"फिर मैं आपको कागज और बक्से के साथ एक-दो दिन में मिल रहा हूं| मैं हर ख़ास बात में आपकी सलाह लूंगा|" उसने कहते हुए हाथ मिलाया और विदा हो गया|

बाहर हवा अभी भी तेजी के साथ चल रही थी| बारिश की आवाज खिडकियों पर पड़-पड़ हो रही थी|
अपना सर झुकाए शरलॉक होम्स कुछ देर के लिए खामोश बैठा रहा| उसकी आँखें आग की चमक पर झुकी थीं| फिर उसने अपना पाइप सुलगाया और अपनी कुर्सी पर पीछे झुक गया| वह नीले धुंए के छत तक उठते हुए छल्लो को घूर रहा था|
"वाटसन, मैं सोच रहा हूं|" उसने ख़ामोशी को तोडा- "हमारे अब तक के मामलो में यह ज्यादा कल्पनाशील है|"
"संभवतः चार के चिन्ह को छोड़ दें तो|"

"अच्छा, हां| संभवतः उसे छोड़कर| और मुझे यह जॉन ओपेनशॉ, शोल्टोस से भी ज्यादा बड़े खतरे से घिरा प्रतीत होता है|"
"लेकिन क्या तुमने|" मैंने पूछा- "कोई धारणा बनाई है कि यह किस प्रकार का खतरा है?"
"उनके व्यवहार या स्वभाव क्व बारे में तो कोई सवाल नहीं है|" उसने जवाब दिया|
"तब वह क्या है? यह के...के...के... कौन है, और वह क्यों इस दुखी परिवार के पीछे पड़ा हुआ है?"
शरलॉक होम्स ने अपनी आंखें बंद कर लीं और अपनी कुर्सी के हत्थों पर अपनी कोहनियां टिका लीं| उसकी उंगलिओं के पोर एक-दुसरे से स्पर्श कर रहे थे| "एक आदर्श तार्किक व्यक्ति|" उसने टिप्पणी की-"जब वह कोई तथ्य देख लेता है वह न केवल घटनाक्रम की श्रंखला वरन आने वाले परिणामों तक को जान लेता है| जैसे क्यूवियर मात्र एक हड्डी से पूरे जानवर का वर्णन कर सकता है इसलिए एक घटनाक्रम की श्रंखला की एक कड़ी पूर्ण रूप से समझ लेता है| वह पहले की व आगे की अन्य घटनाओं को सटीक ढंग से कहने में समर्थ होगा|
हम अभी तक अंजाम पर नहीं पहुंचे हैं, जिसे सिर्फ तर्क द्वारा प्राप्त किया जा सकता है| समस्याओं को सिर्फ उन लोगों के अध्ययन द्वारा सुलझाया जा सकता है, जिन्होंने इसका निराकरण अपनी अक्ल की सहायता से किया है| इस कला को इसकी उच्चतम श्रेणी में प्रयोग करने के लिए यह जरूरी है कि तर्ककर्ता को अपने संज्ञान में आने वाले हर तर्क को प्रयोग करने में समर्थ होना चाहिए|
तुम देखोगे कि ऐसा सम्पूर्ण ज्ञान होने पर होता है जबकि आज के समय में मुफ्त शिक्षा और विश्वकोष होने के बाद भी ऐसा दुर्लभ है| यह इतना मुमकिन नहीं है कि एक आदमी को सम्पूर्ण ज्ञान हो| जो इसके काम में भी सहायक होता है|

यही मुझे अपने मामले में भी करना है| यदि मुझे सही से याद है तो हमारी दोस्ती के शुरूआती दिनों में, एक अवसर पर तुमने बहुत संक्षिप्त ढंग से मेरी सीमाओं को परिभाषित किया था|"


"हां-|" मैंने हँसते हुए कहा- "यह सिर्फ एक दस्तावेज है| फलसफा, विज्ञान और राजनीती में तुम्हें शून्य मिला था, मुझे अच्छी तरह याद है| वनस्पति विज्ञान ठीक था, भूगोल बहुत अच्छा जहां तक कस्बे से पंद्रह मील तक के क्षेत्र के कीचड़ के धब्बों का सम्बन्ध है, रसायन विज्ञान पर केन्द्रित, शारीरिक अव्यवस्थित, संवेदनशील साहित्य व अपराध अद्वितीय तथा वायलिन वादक, मुक्केबाज, तलवारबाज; वकील तथा जहर खाने वालों का तुम कोकेन तथा तम्बाकू के साथ अनुमान लगा लेते थे| ये मेरे विश्लेषण बिंदु हैं|"
होम्स अंतिम विश्लेषण पर खिलखिलाया-"अच्छा!" उसने कहा-"अब मैं कहता हूं, जैसा मैंने तब कहा था कि आदमी को अपनी दिमाग की अटारी में वह सारा फर्नीचर रखना चाहिए, जो उसके काम आ सकता है और बाकी वह अपनी लाइब्रेरी के कमरे में रख सकता है, और जब चाहे तब इसे निकाल सकता है| ऐसे मामले में जैसा आज रात हमें सौंपा गया है हमें निश्चित रूप से अपने सारे संशाधन खंगालने पड़ेंगे|"
"मेहरबानी करके अपने निकट की आलमारी में से 'के' अक्षर वाला अमेरिकी विश्वकोष मुझे दे दो| शुक्रिया|"
"अब हमें हालातों पर विचार करके देखना चाहिए कि हम इसमें से क्या निकाल सकते हैं| पहले स्थान पर हम इस ठोस धारणा के साथ शुरुआत कर सकते हैं कि कर्नल ओपेनशॉ के अमेरिका छोड़ने के पीछे कोई ठोस आधार था| आदमी जीवन के इस समय में अपनी आदतों को नहीं छोड़ता| इस तरह फ्लोरिडा की आकर्षक जलवायु को अंग्रेजी प्रांतीय कस्बे के एकांकी जीवन में परिवर्तित करना| इंग्लैण्ड में उसके अकेलेपन की चाहत बताती है कि उसे किसी वस्तु अथवा आदमी से डर था|

इसलिए हम एक कार्यकारी सिद्धांत के रूप में परिकल्पना कर सकते हैं| कि इस किसी वास्तु के डर ने उससे अमेरिका छुडवा दिया| यह क्या था, जिसका उसे डर था, के बारे में हम उन भयानक पत्तों से अंदाजा लगा सकते हैं, जो खुद उसे और उसके आने वाले लोगों को मिले थे| क्या तुम उन खतों के पद चिन्हों के बारे में बताओगे?"
"पहला पांडिचेरी से था, जो मेरे चाचा के पास आया था|" उसने बताया- "दूसरा डूंडी से और तीसरा लन्दन से|"
"पूर्वी लन्दन से|" इससे तुम क्या अंदाजा लगा सकते हो?" होम्स ने अधीरता से पूछा|
"यह सभी बंदरगाह हैं| यह कि लेखक जहाज के ऊपर सवार था|" उसने बताया|
"बहुत अच्छा| अब हमारे पास एक भेद है| निःसंदेह संभावना- ठोस संभावना यह है कि लेखक एक जहाज पर सवार था| अब हमें दुसरे बिंदु पर विचार करना चाहिए| पांडिचेरी के केस में धमकी मिलने और उसके पूरा होने में सात सप्ताह का फर्क है| डूंडी के मामले में यह मात्र तीन या चार दिन था| क्या इससे कुछ पता लगता है?"
"एक लम्बा सफ़र करना था|"
"लेकिन इस ख़त को भी लम्बा सफ़र तय करना था|"
"उस वक्त मैं बिन्दु पकड़ नहीं पा रहा था|"
"कम से कम यह अवधारणा तो है कि जिस जहाज में एक या ज्यादा आदमी थे, एक सफ़र पर निकला जहाज था| ऐसा प्रतीत होता है कि अपने ध्येय की शुरुआत करने से पहले हमेशा चेतावनी देते हैं|"
तुमने देखा डूंडी से पत्र आते ही कितनी जल्दी काम हुआ| अगर वे स्टीमर में पांडिचेरी से आए होते| वह तभी पहुंचते जब उनका ख़त पहुंचा था| लेकिन जैसा तथ्य है कि सात सप्ताह का अंतर था| मैं सोचता हूं कि यह सात सप्ताह का अंतर डाक लाने वाली नाव और उस यान के बीच था जिस यान में सवार होकर लेखक आया था|
"यह मुमकिन है|"
"अब तुम इस केस में घातक शीघ्रता देख रहे हो| तभी मैंने युवा ओपनशॉ से सावधान रहने का आग्रह किया था| प्रहार हमेशा उस अंत समय में हुआ है जितना प्रेषक की दूरी तय करने में लगता है| लेकिन यह लिफाफा लन्दन से आया है इसलिए हमें देर नहीं करनी चाहिए|"
"हे भगवान्!" मैं चीखा|

"ओपनशॉ के पास जो कागज़ थे, वे स्पष्टतः जहाज के व्यक्ति व अन्य लोगों के लिए जरूरी हैं| मेरा ख्याल है वो लोग एक से ज्यादा होने चाहिए| एक अकेला आदमी निर्णायक मंडल को धोखा देने वाले ढंग से दो मौत नहीं ला सकता था| इसमें कई आदमी रहे होंगे और वह संशाधन व निश्चय से भरपूर होंगे| उनके कागज जिस किसी के भी पास हैं, वे उसे पकड़ेंगे| इस ढंग से तुम उसे देखो कि के...के...के किसी आदमी के नाम के पहले अक्षर नहीं बल्कि एक समिति का बिल्ला है|"

"लेकिन कौन सी समिति का?"

"क्या तुमने कभी कू क्लक्स क्लैन के बारे में नहीं सुना?" होम्स ने धीमे स्वर में पूछा|

होम्स ने अपने घुटनों पर रखी किताब के पन्ने उलटे- "यह यहां है," वह कहने लगा- "कू क्लक्स क्लैन| यह खतरनाक समिति युद्ध के बाद दक्षिण राज्य के पूर्व योद्धाओं द्वारा बने गई थी और देश के विभिन्न भागों में शीघ्र ही इसकी स्थानीय शाखाएं बन गईं|

खासकर टेनेसी, लुईसियाना, कैरोलिना, जार्जिया और फ्लोरिडा में| इसकी ताकत राजनितिक उद्देश्यों खासकर काले मतदाताओं को भयाक्रांत करने और इसके विरोधी विचार वालों की हत्या करने अथवा उन्हें देश से बाहर निकलने में प्रयोग की जाती थी| हिंसा से पहले चिन्हित व्यक्ति को एक कल्पनाशील लेकिन जानी-पहचानी आकृति द्वारा चेतावनी दी जाती थी- कुछ हिस्सों में ओक के पत्तियों की टहनी तो अन्य में खरबूजे या संतरे के बीज| यह मिलने पर शिकार अपने पहले ढंग खुले रूप में त्याग सकता था या देश छोड़कर भाग जाता था|

अगर उसने वीरता दिखाई तो उसकी मृत्यु निश्चित थी, और वह भी आम तौर पर साधारण ढंग से| समिति का संगठन इतना सम्पूर्ण था और तरीके इतने व्यवस्थित थे कि शायद ही ऐसा कोई मामला दर्ज हो, जिसमें किसी आदमी ने वीरता दिखाई हो और दंड से बच गया हो या उसकी हिंसा का ताल्लुक उनसे जोड़ा जा सके|

अमेरिकी सरकार व दक्षिणी समाज के उच्च वर्ग के प्रयासों के बाद भी कुछ सालों तक संगठन फलता-फूलता रहा| सन 1869 में आन्दोलन अचानक ख़त्म हो गया| तभी से ही इस तरह के कार्य यत्र-तत्र होते रहे हैं|" शरलॉक होम्स ने बताया|
"तुम देखोगे|" होम्स ने संस्करण रखते हुए कहा- "समिति के अचानक टूटने और ओपनशॉ के अमेरिका से उनके कागजों सहित गुम होने में संयोग था| इसके कारन व प्रभाव रहे होंगे| इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि उसे व उसके परिवार को रास्ते में कुछ शांत आत्माएं मिली होंगी| तुम समझ सकते हो कि इस पुस्तिका और डायरी में दक्षिण के किसी प्रथम व्यक्ति का नाम हो सकता है|
इसके बावजूद ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें जब तक यह न मिल जाए वह रात को चैन से नहीं सो पाते होंगे|

फिर जो पन्ने हमने देखे-
वही हैं वो जैसी हम उम्मीद कर सकते हैं| अगर मुझे ठीक से याद है तो इसमें लिखा था, अ...ब...स को बीज भेजे- इसका मतलब उन्हें समिति की चेतावनी दी गई|
फिर क्रमशः लिखा है कि अ और ब हट गए या देश छोड़ दिया और किस से मिलने गए थे| मुझे दर है कि स के साथ परिणाम बुरा हुआ| मैं सोच रहा हूं डॉक्टर कि हम इस अंधेरे स्थान पर थोडा प्रकाश डाल सकते हैं| मेरा यकीन है कि युवा ओपेनशॉ के पास इस दौरान उतना ही अवसर है कि वह वैसा ही करे जैसा मैंने बताया है|
आज रात इससे ज्यादा कुछ और कहा या करा नहीं जा सकता, इसलिए मुझे मेरी वायलिन पकडाओ और आधे घंटे के लिए हमें खराब मौसम और हमारे आदमियों के ख़राब तरीके के बारे में भूल जाना चाहिए, यही बेहतर होगा|"

सुबह सवेरे का मौसम साफ़ हो चुका था| सूरज एक हलकी-सी आभा लिए बड़े शहरों पर टंगे धुंधले पर्दे के बीच चमक रहा था| जिस वक्त मैं नीचे आया शरलॉक होम्स पहले ही नाश्ता कर रहा था|
"तुम मुझे माफ़ी दोगे कि मैंने तुम्हारी प्रतीक्षा नहीं की|" वह बोला, "मैं देखता हूं कि आज मेरे सामने अधिक व्यस्त दिन है और मुझे युवा ओपेनशॉ का केस देखना है|"
"तुम क्या कदम उठाओगे?" मैंने पूछा|
"यह बात ज्यादातर मेरी पहली पूछताछ पर निर्भर करेगी| मुझे आखिरकार हाशमि जाना पड़ सकता है|"
"तुम पहले वहां नहीं जाओगे?"
"नहीं, मैं शहर से शुरुआत करूंगा| घंटी बजाओ और सेविका तुम्हारी कॉफी ला देगी|"
इन्तजार करते हुए मैंने मेज पर से अनखुला अखबार उठाया और इस पर अपनी दृष्टि डाली| यह एक शीर्षक पर ठहर गई, जिसने मेरे दिल को एक ही जगह जमा दिया|
"होम्स," मैं चिल्लाया, "तुम्हें बहुत देर हो गयी|"
"उफ़!" अपना कप रखते हुए वह बोला- "मुझे इसी बात का डर था, यह कैसे हुआ?" वह शांतिपूर्वक पूछ रहा था, लेकिन मैं देख रहा था कि वह गहन रूप से उद्वेलित था|"
मेरी दृष्टि ओपेनशॉ के नाम तथा 'वाटरलू पुल के पास हादसा' शीर्षक पर पड़ी| और यह विवरण- गत रात्रि नो और दस के बीच एच. प्रभाग का पुलिस सिपाही कुक जो वाटरलू पुल के समीप गस्त पर था, ने सहायता के लिए चीख और पानी में छपाका सुना|
रात का अन्धकार बढ़ता ही जा रहा था, और तूफ़ान भी बहुत तेज था| इसलिए बहुत से राहगीरों की सहायता के बावजूद बचाव का प्रयास मुमकिन नहीं था| फिर भी चेतावनी दे दी गई थी और जलीय पुलिस की सहायता से आखिरकार शव मिल गया था| यह एक जवान व्यक्ति का शव था, जिसका नाम उसके जेब से मिले लिफ़ाफ़े के मुताबिक जॉन ओपेनशॉ था तथा उसका निवास हाशमि के समीप है|
ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह वाटरलू स्टेशन से आखिरी ट्रेन पकड़ने की जल्दी में था और अपनी नाव रुकने के छोटे-से किनारे पर जा पहुंचा| शव पर कोई मारपीट के जख्म नहीं हैं और कोई शक नहीं कि मृतक एक दुर्घटना का शिकार हुआ है|"

कुछ पलों तक हम लोग खामोश बैठे रहे| होम्स बहुत अवसादग्रस्त और हिला हुआ था| मैंने उसे पहले ऐसे नहीं देखा था|
"इससे तो मेरा अभिमान आहत हुआ है वाटसन!" उसने ख़ामोशी को तोडा- "यह निस्संदेह बुरी बात है मगर इससे मेरी खुद्दारी को ठेस पहुंची है| अब यह मेरा व्यक्तिगत मामला बन गया है और अगर भगवान् मुझे ताकत दे, मैं इस गिरोह पर हाथ डालूंगा|"
"वह मेरे पास मदद के लिए आया और मैंने उसे मृत्यु की तरफ भेज दिया|" वह अपनी कुर्सी से उछला और बेचैनी से कमरे में टहलने लगा| उसके गालों पर लालिमा थी और वह घबराहट में अपने लम्बे पतले हाथों को कभी एक दुसरे से पकड़ता कभी छोड़ता|
"वह चालक शैतान है|" आखिरकार वह चिल्लाया| "उन्होंने वहां कैसे उसे फांस लिया? किनारा स्टेशन के सीधे रस्ते में नहीं है| पुल पर भी निस्संदेह ऐसी रात में भी भारी भीड़ थी जो उनके उद्देश्य में बाधा थी| अच्छा, वाटसन, देखते हैं अंत में कौन जीतता है| अब जरा मैं बाहर जा रहा हूँ|"
"पुलिस के पास?"
"नहीं, मैं खुद अपनी पुलिस बन जाता हूं| जब मैं जाल बुन चुकूँगा, वह मक्खियां पकड़ सकते हैं पर पहले नहीं|"

सारा दिन मैं कारोबारी काम में लगा रहा, और देर शाम मैं बेकर स्ट्रीट लौटा| शरलॉक होम्स अभी वापस नहीं आया था| लगभग दस बजने को थे, जब उसने प्रवेश किया| उसका चेहरा जर्द और शरीर थका हुआ था| वह मेज तक पहुंचा और पाव का टुकड़ा तौड़ा| वह उस टुकड़े को जल्दी-जल्दी खा गया और ढेर सा पानी पी गया|

"तुम भूखे हो?" मैंने टिप्पणी की|

"मरा जा रहा हूं| मुझे याद ही नहीं रहा था कि मैंने नाश्ते के बाद कुछ नहीं खाया"

"कुछ भी नहीं|"

"एक टुकड़ा भी नहीं|" उसने बताया- "मेरे पास इसके बारे में सोचना का वक्त नहीं था|"

"तुम सुनाओ तुम्हारी सफलता कैसी रही, मेरा मतलब है तुम अपने काम में कामयाब हुए|"

"बहुत बढ़िया|"

"तुम्हारे हाथ कोई सबूत मिला, जो इस केस को अच्छी प्रकार समझने में मदद करे|"

"वह मेरे हाथ में हैं| नौजवान ओपेनशॉ बिना बदले के लम्बे समय तक नहीं रहेगा| क्यों वाटसन, हमें उनका शैतानी निशान उन्ही पर लगा देना चाहिए| यह अच्छी तरह सोच लिया गया है|"

"क्या मतलब है तुम्हारा?"

उसने आलमारी से एक संतरा निकला और उसकी फांक करी, फिर उन्हें निचोड़कर मेज पर उसके बीज निकल लिए| उनमें से उसने पांच बीज उठाए, और उन्हें एक लिफाफे में डाला|

इसके अन्दर के हिस्से पर उसने लिखा,'जे.के. के लिए एस.एच.|' फिर उसने उसे बंद किया और उस पर पता लिखा-"कप्तान जेम्स कैलहून, लोन स्टार, सवाना, जार्जिया|"

"जिस वक्त वह बंदरगाह पर प्रवेश करेगा, यह उसकी प्रतीक्षा कर रहा होगा|" उसने हंसकर कहा- "यह उसकी नींद हरम कर देगा| यह उसे अपने आगामी दुर्भाग्य के विषय में बताएगा| जिस तरह उसकी प्रतीक्षा कर रहा होगा|"

कप्तान कैलहून के विषय में क्या जानते हो, आखिर यह आदमी कौन हो सकता है?"

"गिरोह का सरगना यही है|" उसने बताया- "मैं बाकी लोगों को भी थामुंगा मगर पहले उसे|"

"तुम्हें इसका पता कैसे चला?"

उसने अपनी जेब से एक लम्बा आगाज निकला| यहाँ नाम और तारीखों से पूरा भरा हुआ था|
"मैंने पूरा दिन" वह बोला- "लायड के रजिस्टर और पुराणी फाइलें देखने में खर्च किया है, और साथ भी यह भी कि 83 में कौन सा जहाज जनवरी और फ़रवरी में पांडिचेरी से गुजरा था? उन महीनों में छत्तेस जहाज निकले थे| इनमें से एक लोन स्टार ने मेरा ध्यान तुरंत अपनी और आकर्षित किया, क्योंकि यह लन्दन से छूटना बाते गया था, लेकिन इसके नाम में संघीय प्रान्तों में से एक प्रान्त का नाम था|"

"शायद टेक्सास|"

"मैं निश्चित नहीं था और न हूं कि कौन-सा, किन्तु मैं जानता था कि जहाज अमरीका से चला होगा|"

"फिर?"

"मैंने डूंडी अभिलेख खोजे और जब पाया कि जनवरी सन 1885 मं लोन स्टार वहां था, मेरा शक निश्चित हो गया| उसके बाद मैंने लन्दन बन्दरगाह में इस समय उपस्थित जहाज के बारे में पूछा|"

"हां पूछा-|"

"लोन स्टार यहां पिछले सप्ताह पहुंचा था| मैं अलबर्ट बंदरगाह पहुंचा और पाया कि वह आज सुबह छूट चूका था| वह सवाना जा रहा था| मैंने गैवसैंड को तार भेजकर पता किया, थोडा समय पहले ही गुजरा था, और हवा चूंकि पूर्वी है इसलिए निस्संदेह यह गुडविन्स पार गया होगा, और वेट द्वीप से ज्यादा दूर नहीं होगा|"

"फिर तुम क्या करोगे?"

"वह मेरे हाथों में हैं| जैसा मुझे पता चला है कि वह और उसके दो साथी जहाज पर ऐसे हैं जो अमरीकी मूल के हैं| दूसरे व्यक्ति जर्मनी और फिनलैंड के हैं|
मैं इस बात को भी जनता हूं कि पिछली रात वह तीनों जहाज से बाहर थे| यह बात मुझे जहाज पर माल लादने वालों से पता चली| जब तक उनका जहाज सवाना पहुंचेगा, डाक वाली नाव यह पत्र पहुंचा चुकी होगी, और तार ने सवाना पुलिस को सूचित कर दिया होगा कि यह आदमी हत्या के मामले में यहां बुरी तरह वांछित है|
इंसानों द्वारा बनाई गई योजना में हमेशा कोई न कोई दोष निकल आता है| जॉन ओपेनशॉ के हत्यारों को संतरे के बीज कभी नहीं मिलने थे, जो उन्हें यह दिखाते कि उन्ही की प्रकार और दृढप्रतिज्ञ एक अन्य उनके मार्ग पर है|"
उस साल हवा बहुत तूफानी थी| हमने लम्बे समय तक सवाना के लोन स्टार की समाचार की प्रतीक्षा की, लेकिन यह हम तक कभी नहीं पहुंचा| अंत में हमने सुना कि अटलांटिक में दूर कहीं एक टूटी हुई नाव लहरों के बीच डूबती-उतराती देखी गई, जिस पर 'एल.एस.' अक्षर अंकित हुए थे और यही कुछ लोन स्टार की नियति थी, जिसके बारे में हम कभी जान पाएंगे|
समाप्त

Free Download Sherlock Holmes 9 Comics in english

  1. Sherlock Holmes 01  
  2. Sherlock Holmes - Dr. Jekyll & Mr. Holmes
  3. Sherlock Holmes - Scarlet in Gaslight
  4. Sherlock Holmes Mysteries v1 
  5. Sherlock Holmes Mysteries v2 
  6. Sherlock Holmes in the Case of the Missing Martian ( all 4 Parts)

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                      The Adventures of Sherlock Holmes by Arthur Conan Doyle is a collection of twelve stories by Sir Arthur Conan Doyle, featuring his famous detective and illustrated by Sidney Paget.
The book was banned in the Soviet Union in 1929 for occultism, although the book shows few to no signs of such material. However, later the embargo was lifted.

'My name is Sherlock Holmes. It is my business to know what other people don't know.'

               -- Sherlock Holmes, The Adventure of the Blue Carbuncle

Sherlock Holmes was by all accounts born on 6th January 1854, and for more than a century his name has been known in every country of the world; and not only his name, but his appearance too. The hawk-like features and piercing eyes; the dressing-gown and pipe; the deerstalker cap and magnifying glass - these details are so familiar that if he were to appear amongst us today we should know him at once. The Adventures of Sherlock Holmes  Read online
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Contents
The 12 stories in this collection are:
  • "A Scandal in Bohemia"
  • "The Red-Headed League"
  • "A Case of Identity"
  • "The Boscombe Valley Mystery"
  • "The Five Orange Pips"
  • "The Man with the Twisted Lip"
  • "The Adventure of the Blue Carbuncle"
  • "The Adventure of the Speckled Band"
  • "The Adventure of the Engineer's Thumb"
  • "The Adventure of the Noble Bachelor"
  • "The Adventure of the Beryl Coronet"
  • "The Adventure of the Copper Beeches"
Other available formats:  ePub | Mobi/Kindle | PDF


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  1. The Adventures of Sherlock Holmes
  2. The Memoirs of Sherlock Holmes 
  3. The Return of Sherlock Holmes
  4. His Last Bow
  5. A Study in Scarlet
  6. The Sign of the Four
  7. The Hound of the Baskervilles
  8. The Valley of Fear
  9. The Case-Book of Sherlock Holmes


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